संदेश

जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

किसान त्रस्त

 -by Nidhi jain  कोरोना वायरस के सुरक्षा उपायों के बीच देश की राजधानी दिल्‍ली में 72वीं गणतंत्र दिवस परेड में बीते दिनों कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलीं, इसमें केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख की झांकी और कोविड-19 की महामारी पर केंद्रित झांकी सबके बीच चर्चा का विषय बनीं। कोरोना महामारी के बीच इस बार की छोटी और कम प्रतिभागियों वाली परेड और कम मेहमान के बीच इन झांकियों में भारत की संस्‍कृति और क्षमता का चित्रण देखने को मिला। वर्ष 2020 में देश सहित पूरी दुनिया ने कोरोना संक्रमण की महामारी का सामना किया, इसकी झांकी भी इस बार परेड में दिखाई दी। हालांकि यह देश में विकसित की गई कोरोना वैक्‍सीन के लिए भी जाना जाएगा। गौरतलब है कि जहां देश में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन ने देश के अहम दिन को शर्मसार साबित कर दिया। बेशक यह किसान आंदोलन आंदोलन नही रहा बल्कि आरजकता में तब्दील हो गया था। उर्ग किसानों ने दिल्ली में लाल क़िले के ऊपर चढ़कर प्रदर्शन किया व उत्पात कंट्रोल से बाहर हो गया था। बहरहाल यह जय जवान- जय किसान कहने वाला देश है लेकिन जवानों की किस...

अच्छी नहीं दोस्ती प्लास्टिक के साथ!

-By Nidhi Jain  अब तो इंसानों का हठ प्रकृति के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है। इंसान इतने जिद्दी हो चुके हैं कि वो लाख मना करने पर भी प्रदूषण फैलाने से बाज़ नहीं आ रहें और इसी का नतीजा यह हुआ है कि अब प्रदूषण ऐसी जगह तक पहुंच गया है, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते। इस वक्त पृथ्वी पर प्लास्टिक का कचरा सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ वैज्ञानिकों ने गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के गर्भ में माइक्रो प्लास्टिक की पहचान की है। माइक्रो प्लास्टिक 5 मिलीमीटर से भी कम आकार के प्लास्टिक या फाइबर के छोटे छोटे टुकड़े होते हैं। गौरतलब है कि जो प्लास्टिक अब तक समुद्र, हवा, पानी और खाने में मिलती थी, वो अब मां के गर्भ तक पहुंच चुकी है। जो अवश्य ही चिंता पूर्ण विषय है। इस रिसर्च में कुल 6 महिलाओं को शामिल किया गया था। जिनमें से चार महिलाओं की गर्भनाल में नीले, लाल और गुलाबी रंग के प्लास्टिक के कण मिले हैं। गर्भनाल महिलाओं के शरीर का वह अंग होता है, जिससे गर्भावस्था के दौरान बच्चे को ऑक्सीजन और ज़रूरी पोषण मिलते है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पेंट्स, कॉस्मेटिक और पर्सनल केयर प्रोडक्...

इशक भी अब जिहाद हो गया!

-By Nidhi Jain  हर किसी को अपनी मर्ज़ी से प्रेम करने, शादी करने और अपने धर्म को मानने की आज़ादी होनी चाहिए और यह आज़ादी शादी के बाद भी जारी रहे तभी वह सच्चा प्रेम है व अगर धर्म से ऊपर उठ कर प्रेम कर सकते हैं तो एक दूसरे के धर्म को स्वीकार क्यों नहीं कर सकते? जब सब धर्म एक समान हैं तो फिर एक को बदलना क्यों? बहरहाल यूपी और उत्तराखंड में लव जिहाद कानून के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी व इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं स्‍वीकार करते हुए दोनों राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। यूपी में अभी यह सिर्फ एक अध्यादेश है, जबकि उत्तराखंड में यह 2018 में कानून बन चुका है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में लव जिहाद कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी को लालच देकर, भटकाकर या डरा-धमकाकर धर्म बदलने को मजबूर करता है तो उसे पांच साल तक की सजा हो सकती है लेकिन शर्मनामक तो यह है कि कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि इस कानून के जरिए पुलिस और सरकार प्रेम करने वाले लोगों और अपने मां बाप की मर्ज़ी...

हवाओं में घुल रहा ज़हर

-By Nidhi Jain  देश को जिस तरह से एक के बाद एक आपदाओं का सामना करना पढ़ रहा हैं ठीक उसी तरह भारत में प्रदूषण भी अपने चरम पर जाता जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदूषण नियंत्रण करना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, सरकार ही दूषित हवा को साफ करने का काम अकेले करे यह रूख नहीं चल सकता, जहां हम रहते है वहां की हर चीज की देखरेख करना हमारा ही कर्तव्य है, इसलिए हमें खुद बढ़ते प्रदूषण के रोकथाम के लिए सख़्त कदम उठाने होगे व प्रदूषण पर नियंत्रण हमारी सामुहिक जिम्मेदारी हैं। जैसे अब हम अपनी दिनचर्या व्यतीत करने के लिए हर एक दूसरी चीज पर निर्भर रहते है ठीक उसी तरह अगर हमने बढ़ते वायु प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई तो एक न एक दिन हमें साफ हवा में जीवन जीने के लिए हवा की खरीदारी भी करनी पढ़ सकती हैं। हालांकि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सड़कों के किनारे खासकर धूल के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह पूरी दिल्ली में पेड़ों पर और जगह-जगह सड़क के किनारे और साइट पर पानी का छिड़काव करें ताकि उससे प्रदूषण कुछ कम हो व दिल्ली के लोगों को साफ व स्वच्छ हवा ...

वर्ष 2020 की यादें

-By Nidhi Jain  साल 2020 तमाम संकटों से भरा रहा। लाखों लोगों ने कोरोना महामारी के चलते अपने करीबियों को खोया है। देश की अर्थव्यवस्था ओर नीचे स्तर पर चली गई। वहीं प्रवासी मजदूर पलायन करने को मजबूर थे हालांकि जैसा कि हर वर्ग और क्षेत्र के लिए साल 2020 काफी चुनौतीपूर्ण रहा तो वहीं पिछले 12 महीनों में पर्यावरण, समाज और संस्कृति, मानवाधिकारों और यहां तक कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बड़ी उपलब्धियां देश ने हासिल की है। हर समय के अच्छे और बुरे दोनों पहलू होते हैं। ठीक ऐसे ही वर्ष 2020 में लोगों ने अच्छा और बुरा दोनों वक्त गुजारा है। लॉकड़ाउन के कारण आम जनता को परेशानी जरूर हुई परन्तु उसी समय उन्हें अपने परिवार के साथ समय बीताने का भी मौका मिला, अपने आपसी रिश्तों को और मजबूत करने का अवसर मिला, रोजाना के व्यस्त जीवन से थोड़ा समय अपने आप को देने का समय मिला, काम से फुरसत मिली। लॉकडाउन के कारण लाखों करोड़ों लोगों की जिंदगियां प्रभावित हुईं लेकिन लॉकडाउन में हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई। वहीं, अधिकांश मानवता ने 2020 में बेहतर हवा में सांस ली जबकि अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में मंदी और ठहराव के चल...

कैसा गुजरा 2020?

-By Nidhi Jain  विश्व के लिए साल 2020 कुछ खास नहीं रहा। 2020 में लोगों ने एक के बाद एक घटनाओं का सामना किया। वर्ष की शुरुआत जहां ऑस्ट्रेलिया में लगे जंगलों की आग से हुई तो वहीं, उसके बाद वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने दुनिया में हाहाकार ही मचा कर रख दिया, फिर तो एक के बाद एक घटनाओं से भारत को जूझना ही पड़ रहा था। कभी टिड्डियों का हमला, एम्फन तूफान, निसर्ग तूफान, भूकंप के झटके और 40 साल में पहली बार एलएसी पर भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प, शहीनबाग, दिल्ली चुनाव, दिल्ली दंगा लेकिन साल के अंत में किसान आंदोलन के साथ आखिरकार यह साल निकल गया। वास्तविक में साल 2020 काफी उथल पुथल भरा रहा, जिसमें सबसे ज्यादा चर्चित कोरोना महामारी रही परन्तु अब आगे पता नहीं 2021 में क्या क्या होगा क्योंकि कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत तक पहुंच चुका हैं। बहरहाल 2020 में सरकार द्वारा बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दक्षिणी दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शकारियों ने लगभग 3 महीने तक प्रदर्शन किया। बेहद ठंडे मौसम और बारिश के दौरान भी प्रदर्शनकारी डटे रहे व शाहीन बाग में यह धरना 24 घंटे ...

इतना अत्याचार क्यों?

 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कहते हैं कि उनका सपना नया पाकिस्तान बनाने का है लेकिन इमरान के नये पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ कैसा व्यवहार होता है यह तो हम सोच भी नहीं सकते। पाकिस्तान के ख़ैबर पख़्तूनख़्वाह प्रांत के करक ज़िले में बहुसंख्यक मुसलमानों की भीड़ ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के एक मंदिर में तोड़फोड़ की और उसे जला दिया। हालांकि करक ज़िला इस्लामाबाद से 241 किलोमीटर दूर है। सैकड़ों लोग मंदिर पर चढ़े हुए थे। कोई छत तोड़ रहा था तो कोई मंदिर की दीवार। गौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के प्रति कितनी नफ़रत है, यह इस हरकत से स्पष्ट हो गया है। यह मंदिर करीब 100 वर्ष पुराना था। मंदिर में हिंदू संत परमहंस महाराज की समाधि है। वर्ष 1919 में संत परमहंस महाराज के निधन के बाद से हिंदू यहां पूजा करते थे परन्तु वर्ष 1947 में हिंदुओं को इस मंदिर  में पूजा करने से रोक दिया गया था और फिर 1997 में इस मंदिर में तोड़फोड़ हुई और मौलवियों ने इस पर कब्जा कर लिया। हालांकि करक ज़िले के हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। वर्ष 2015 में पाकिस्तान के सुप्रीम...

पहले भी छह वर्ष तक हुआ था आंदोलन!

 नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसान नए कृषि कानून रद्द करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि किसान और सरकार के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। वहीं किसानों के आंदोलन की वजह से आम लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। किसान आंदोलन की वजह से लुधियाना के होजरी उघोग को नुकसान हो रहा है। गौरतलब है कि ऐसा किसान आंदोलन देश में पहली बार नहीं हो रहा है ऐसा ही एक आंदोलन महाराष्ट्र में छह साल तक किसानों का चला था। उन छह सालों में शामिल किसी किसानों ने खेती नहीं की थी, जिसकी वजह से भुखमरी की नौबत तक आ गई थी लेकिन किसान अपने रुख पर कायम रहे।महाराष्ट्र का वह किसान आंदोलन एक इतिहास बन चुका है, जिसे चारी किसान हड़ताल के नाम से जाना जाता हैं।महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में खोटी व्यवस्था के ख़िलाफ़ किसानों का यह आंदोलन चला था। यह हड़ताल पहली बार रायगड ज़िले के अलीबाग के नज़दीक चारी गांव में हुई थी। जिसके कारण महाराष्ट्र में कृषि क्षेत्र में कई अहम बदलाव हुए थे। बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ने भी इस आंदोलन...

आखिरकार आंदोलन की उम्र हैं क्या?

 दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जा चुका है लेकिन पंजाब और हरियाणा से आए किसान इसकी परवाह किए बिना दिल्ली और हरियाणा के बॉर्डर पर जमे हुए हैं।उल्लेखनीय है कि किसान छह महीनों तक विरोध-प्रदर्शन करने की तैयारी के साथ आए हैं। वहीं एक महीने तो उनको यहाँ पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए हो भी गया हैं फिर भी वह पीछे नहीं हटते दिख रहे हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जब तक तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती तब तक वह अपना विरोध जारी रखेंगे। यह उनका साफ तौर पर कहना है तथा पंजाब में किसानों के इस आंदोलन को भारी समर्थन मिल रहा है। लोग अपने-अपने अंदाज में किसान आंदोलन को अपना समर्थन दे रहे हैं। वहीं आंदोलन के बीच कई किसान फसल का उचित दाम न मिलने से परेशान हैं। गोभी के बाद पंजाब में किसानों ने आलू की फसल नष्ट करना शुरू कर दिया है। पंजाब के दोआबा क्षेत्र में आलू की अधिक पैदावार होती है। बावजूद इसके फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। फसल की लागत भी नहीं निकल रही है। जिसे देखते हुए युवा किसान आलू की फसल को ट्रैक्टर से जोतवा रहें हैं। हालांकि इससे पह...

2021 में भी लड़ना हैं कोरोना से!

 साल 2020 शुरुआत से ही वैश्विक स्वास्थ्य के लिए त्रासदीपूर्ण रहा है। यह पूरा साल लोगों ने कोरोना वायरस से जंग लड़ते हुए गुजारा है। भले ही कुछ दिनों में नए साल का आगमन होने वाला है लेकिन कोरोना का खतरा अगले साल भी बरकरार रहने के आसार हैं। जिसके मद्देनजर, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2021 में वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों की एक सूची जारी की है, जिनसे दुनिया को 2021 में निपटना पड़ेगा। ड़ब्लूएचओ के अनुसार, वैश्विक महामारी कोरोना ने पिछले 20 सालों में हासिल की गई वैश्विक हेल्थ प्रणाली की रफ्तार कम करते हुए उसे पीछे की ओर खींच लिया है और इसीलिए 2021 में दुनिया को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। अगले वर्ष, कोविड़-19 के खिलाफ लड़ने के साथ-साथ, दुनिया भर के देशों को विभिन्न बीमारियों से लड़ने के लिए भी अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी। 2021 में आम जनता तक कोरोना वैक्सीन और इलाज की पहुंच को सुगम बनाना सबसे जरूरी हैं वरना कोरोना से पीड़ित लोगों के आकड़े रोजाना बढ़ते जाएगे। दुनिया भर को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को आधुनिक रू...

बेजुबान परिंदो की मौत

 देश में कोरोना वायरस का संक्रमण अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि अब पक्षियों के मरने की खबरों ने हर किसी को चिंता में डाल दिया है। हालांकि पक्षियों के मरने को लेकर अलग-अलग राज्यों से आ रही खबरों के बाद अब उन्हें बचाने की कवायद तेज कर दी गई है। पक्षियों के तेजी से मरने की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है लेकिन हर साल ठंड के मौसम में पशु-पक्षियों की मुसीबत बढ़ जाती है परन्तु इस बार इतनी बढ़ी तादाद में पक्षियों की मरने की खबर अवश्य ही भयावह है। पिछले दिनों कई राज्‍यों में कौओं की रहस्‍यमयी मौत ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी थी। बहरहाल पक्षियों की मौत के पीछे बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही है, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इसलिए पक्षियों की मौत अभी तक रहस्‍य ही बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश स्थित पोंग डैम इलाके में 1,400 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत हुई है। पोंग डैम इलाके में मारे गए पक्षियों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए भोपाल स्थित हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज लैब में सैंपल भेजे गए हैं व जल्‍द ही पक्षियों की मौत का कारण सामने आ सकता है। वहीं भारत में हजारों मील का सफ...

2020 ने बहुत कुछ सिखाया!

 बेशक कई लोगों के लिए साल 2020 बेकार रहा हैं, लोग बीते वर्ष को भूल जाना चाहते होंगे, कुछ लोगों का तो मानना हैं कि अगर उनका बस चले तो वह इस साल को अपने जीवन से डिलीट ही कर दें लेकिन वर्ष 2020 भूलने का नहीं, बल्कि याद रखने का साल है क्योंकि यह साल एक सख्त टीचर की तरह समूचे विश्व के लोगों के लिए रहा। 2020 से अवश्य ही लोग त्रस्त रहें परन्तु अगर गौर किया जाए तो हमें यह समक्ष आएगा कि इस वर्ष ने हमें ज्यादा बेहतर तरीके से 2021 में जाने लिए तैयार किया है, 2020 ने हमें सबसे बड़ी सीख यह दी है कि बदलाव के लिए हमेशा हमें तैयार रहना चाहिए। भविष्य और अतीत की ज़रूरत से ज़्यादा अंदाज़ा लगाने की बजाय वर्तमान के पहलुओं को जीना चाहिए। हमेशा जिंदगी में ज़्यादा और बेहतर का प्रयास करना चाहिए यानी अपने स्वास्थ्य से लेकर अपने रिश्तों, रोज़गार और अपनी लाइफस्टाइल को पहले से ज़्यादा बेहतर और पहले से ज़्यादा मज़बूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए। 2020 ने लोगों के जीवन की गति पर ब्रेक लगाया इसलिए आने वाले वर्ष में दोगुनी ताकत लगानी होगी और अपनी क्षमताओं को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना होगा और अपने व्यक्तित्व...