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जड़ी बूटियों की रानी तुलसी के हैं अनेक फायदे, हिंदू धर्म में की जाती है पूजा

-निधि जैन जड़ी बूटियों की रानी कहे जाने वाली, तुलसी का आदिकाल से ही उपयोग किया जाता है। आयुर्वेदिक के साथ-साथ प्राकृतिक चिकित्सा में भी इसका व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है। तुलसी की पत्तियों से मानव शरीर को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने में मदद मिलती है। बुखार से लेकर किडनी स्टोन जैसी कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने में तुलसी सहायक है। आधुनिक काल में भी डॉक्टर तुलसी का सेवन करने की सलाह देते हैं।  हिंदू धर्म में अहम है तुलसी की मान्यता  हिंदू धर्म में, तुलसी को एक धार्मिक प्रतीक के रूप में माना जाता है। सुबह और शाम दोनों ही समय, हिंदूओं द्वार तुलसी की पूजा की जाती है। प्राचीन आयुर्वेदिक स्वास्थ्य प्रणाली में इसका प्रयोग आम बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। बहरहाल तुलसी को ओसिमम गर्भगृह या पवित्र तुलसी के रूप में भी जाना जाता है, जो कि टकसाल परिवार से संबंधित है। समूचे विश्व में तुलसी 150 विभिन्न किस्मों में पाई जाती है। बता दें कि घाव पे लगाने पर यह एक प्रकार की तीखी गंध का उत्सर्जन करती है, जिस कारण इसे चमत्कारी जड़ी बूटी कहा जाता है। आमतौर पर इसका स्वाद कड़वा ...

आदिपुरुष फिल्म में सैफ के लुक पर लोग नाराज, कहा- धार्मिक भावनाओं को किया जा रहा आहात

  -निधि जैन बॉलीवुड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बीते 8 महीने में 29 रिलीज हुई फिल्मों में से 26 या तो फ्लॉप हो गई है  या फिर डिजास्‍टर साबित हुई हैं। इन फिल्मों ने इतनी भी कमाई नहीं की है कि ये फिल्म की लागत को वसूल सकें। अब हालात ऐसे हो चुके है कि एक तरफ जहां फिल्‍म का टीज़र आता है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर #BoycottBollywood का ट्रेंड शुरू हो जाता है। क्यों हो रहा है आदिपुरुष का विरोध इसी कड़ी में अब ओम राउत निर्देशित फ़िल्म आदिपुरुष का नाम भी जुड़ गया है। फिल्म का टीज़र रिलीज़ होने के साथ ही, सोशल मीडिया पर यूज़र्स का गुस्सा शुरू हो गया है। बता दें कि इस फ़िल्म में सैफ़ अली खान रावण का किरदार निभा रहें है तो वहीं प्रभास राम और कृति सैनन सीता की भूमिका में नजर आ रहें है। गुस्साए लोग सैफ के रावण के लुक की निंदा कर रहे हैं। रावण का किरदार निभा रहे सैफ अली खान को फिल्म में क्रोधित और काले रंग की पोशाक में दिखाया गया है। इसके अलावा टीज़र के एक दृश्य में वह ड्रैगन जैसे किसी विशालकाय जीव की सवारी करते भी नजर आ रहे हैं। पौराणिक कथाओं में लंका को सोने की नगरी के रूप में ...

कुछ पल की खुशी!

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- निधि जैन जीने की ख़्वाहिश में हम हर रोज़ मरते हैं, पता है वो आये न आये लेकिन इंतज़ार आज भी करते है,, आखिर करें तो क्या करें एक तरफा मोहब्बत में है ही इतनी ताकत कि बेशक़ रिशते टूट जाते है लेकिन कभी ख्तम नहीं होते, इज़हार–ए–मोहब्बत के बाद से अब तक तेरी मोहब्बत का इंतजार हैं लेकिन ड़र है कि कहीं इसी इंतज़ार में ज़िन्दगी तमाम न हो जायें. Looks जिंदगी में Matter करते है ये बात मैं अब तक समझ चुकी हूं लेकिन इतने भी करते है कि लोग उसके सामने सीरत को भूल जाए, ये मुझे उस दिन समझ आया. आज मैं आपको एक ऐसी कहानी सुनाती हूं जो चाहती तो हो सकती थी मुकम्मल पर चाह के भी हो न पाई...हैर अब वक्त तो वापस आ नहीं सकता लेकिन बीते हुए वो पल तो याद किए जा सकते हैं न...तो ये कहानी है साल 2015 की, ज्यादा पुरानी नहीं है...असल में ये कहानी नहीं है, मेरी जिंदगी के वो पल है या यूं कहूं कि अभी तक के मेरी जिंदगी के सबसे सबक वाले दिन थे वो...जिन्हें मैं भूल कर भी भूलना नहीं चाहती. तो चलिए शुरू करती हूं, मैं अपनी वो कहानी जिसने मुझे बहुत कुछ सिखाया, जिन्दगी जीने का एक अलग मायना दिया... तो ये भूले न भूलाइ कहानी गर्मियो...

मनुष्यों के लिए खतरा है 5जी.?

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-निधि जैन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के प्रगति मैदान से 5जी सेवा और मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे संस्करण की शुरुआत की है। जिसके बाद देश के आठ शहरों में 5जी सेवा उपलब्ध हो चुकी है। जिनमें दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु और वाराणसी आदि शहरों का नाम शामिल है। बता दें कि इस मौके पर जियो, एयरटेल और वोडाफ़ोन-आइडिया, तीनों कंपनियों के मालिक भी मौजूद थे लेकिन बडा सवाल ये है कि क्या 5जी मनुष्य के लिए खतरा हैं.? 90 के दशक से ही इस तकनीक का विरोध क्यों आधुनिकीकरण के दौर में मोबाइल फोन के बिना इंसान शायद ही अपना जीवन व्यतीत कर सकता है, क्योंकि हम लगभग हर चीज के लिए इस पर निर्भर हो चुके है। लेकिन इसी के साथ कई लोगों का ये भी मानना है कि मोबाइल फ़ोन के उपयोग से इंसान के स्वास्थ पर प्रतिकूल असर पड़ता है। 90 के दशक में भी कुछ लोगों का मानना था कि कान पर फ़ोन लगा कर रखने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है। जिसका खुलासा करने के लिए उन लोगों ने मोबाइल फ़ोन कंपनियों के खिलाफ कोर्ट में जाना उचित समझा था लेकिन उस वक्त कोर्ट ने इस तरह के मामलों को खारिज कर दिया था। लोगों के मन में क्यों...