आखिर क्यों मर रही है माता गाय?

-निधि जैन 

प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है। जिनकी सेवा करना बहुत शुभ माना जाता है। गौरतलब है कि इन दिनों भारत में लंपी नामक बीमारी जानवरों में बहुत तेजी से फैल रही है। जिससे सबसे अधिक गायों की प्रजाती प्रभावित हो रही हैं। अभी तक इस बीमारी से हजारों गायों की मौत हो चुकी है, मगर इसके बावजूद भी गायों की रक्षा के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए है जिस कारण गायों के मरने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
लंपी वायरस का प्रकोप देश के राज्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में पाया गया है। इस बीमारी को पशु चेचक भी कहते हैं, यह एक वायरल बीमारी है जो कैपरी पाक्स वायरस से फैलती है। कैपरी पाक्स वायरस से बकरियों में गोट पाक्स नाम की बीमारी फैलती है और भेड़ों में सीप पाक्स तथा गायों में लंपी स्किन डिजीज नाम की बीमारी फैलती है।
उल्लेखनीय है कि जिस देश में दिन-रात गाय, गोबर, गोमूत्र और गौ हत्या को लेकर बहस होती है, उस देश में अब गाय के बचाव के लिए सख्त नियम कानून नहीं बनाए जा रहें है।
वर्तमान में केंद्र सत्ता में भाजपा है, जो अपने आप को हिंदूवादी बताती है। ऐसे में भाजपा के चरित्र पर सवाल उठते हैं कि क्या हजारों गायों की मौत उनके लिए कोई मायने नहीं रखती.? कही ऐसा तो नहीं हैं कि गाय का नाम तभी लिया जाता है, जब उससे वोट मिलने की संभावना हो.? अब वह लोग कहां है जो गाय को माता मानकर किसी अन्य धर्म के लोगों पर हमला बोल देते थे.? अब वो लोग गायों की मौत पर क्यों मौन है.? 

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