सोशल मीडिया पर रहें सतर्क
टेक्नोलॉजी इक्कीस वी सदी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं लेकिन कहते है ना हर चीज के अच्छे और बुरे दोनों ही नतीजे होते है तो इसी तरह इंटरनेट के उपयोग करने के भी अपने ही फायदे और नुकसान है क्योंकि शायद ही कोई जानता होगा कि अगर किसी की कोई आपत्तिजनक तस्वीर एक बार इंटरनेट पर आ गई तो फिर उसे भगवान भी वहां से नहीं हटा सकते।
इंटरनेट से इस एक तस्वीर को हटवाने में लोगों का पूरा जीवन निकल जाएगा लेकिन फिर भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह सच में हट गई है या नहीं क्योंकि
ऐसा ही कुछ, दुनिया भर की एक लाख महिलाओं के साथ हुआ है व इन महिलाओं की तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी ऐआई की सहायता से अश्लील तस्वीरों में बदल दिया गया एंव इसे टेलीग्राम नाम के एक ऐप्प पर शेयर किया जाने लगा है।
ऐआई की मदद से बनाए गए ऐसे वीड़ियों को ड़ीप फेक कहा जाता है एंव इन महिलाओं की यह तस्वीरें कैसे हटेंगी यह किसी को नहीं पता इसलिए आज दुनिया भर की सरकारों और बड़ी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को यह समझना चाहिए कि उन्होंने डीप फेक बनाने वाली टेक्नोलॉजी तो बना ली है लेकिन इसे रोकने का उपाय आखिर कौन करेगा?
और अगर कोई बड़ी कंपनी इसे रोकने का उपाय कर भी लेगी तो प्रशन तो यह ही उठता है कि उस टेक्नोलॉजी का बटन आखिर किसके हाथ में होगा। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि समूचे विश्व में प्रतिदिन सोशल मीडिया पर 180 करोड़ तस्वीरें लोगों की अपलोड जाती हैं यानी एक हफ्ते में इंटरनेट पर जितनी तस्वीरें अपलोड होती हैं वो दुनिया की इस वका की आबादी के बराबर है व इनमें से करोड़ों तस्वीरें सेल्फी के रूप में होती हैं एंव इनमें से अधिकतम महिलाओं की तस्वीरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले बहुत ज़्यादा होती हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की गई तस्वीरें अगर अपराधियों के हाथ लग जाएं तो वह इनके साथ कुछ भी कर सकते हैं। जिसकी कल्पना शायद ही आपने या आपके परिवार ने कभी की भी होगी। इन तस्वीरों को बड़ी आसानी से ड़ीप फेक नामक टेक्नोलॉजी की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदला जा सकता है। गौरतलब है कि इस खबर पर मुहर और किसी ने नहीं बल्कि इंटरनेट पर मौजूद फेक कन्टेन्ट
का पता लगाने वाली कंपनी सेंनसीटवाए ने लगाई हैं। व
इस कंपनी के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से इन एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल दिया गया हैं एंव जांच में पता चला है कि यह सब एक ही ऐप्प ड़ीप फेक बोट की मदद से किया गया है।
बहरहाल ड़ीप फेक का मतलब होता है कि असली तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उसे किसी खास उद्धेश्य के लिए फेक तस्वीरों में बदल देना लेकिन यह सब इतनी सफाई से किया जाता है कि असली और नकली तस्वीरों और वीडियो में अंतर करना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। जांच करने वाली कंपनी के अनुसार यह बोट मशहूर सोशल मीडिया मैसेजिंग ऐप्प टेलीग्राम के एक चैनल पर भी मौजूद है। जिस पर यूजर्स महिलाओं की तस्वीरें भेज रहे थे और यह बोट उन तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल रहा था। हैरानी वाली बात तो यह है कि यह तो सिर्फ एक ही ड़ीप फेक बोट की कहानी है जिस एक बोट ने एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल दिया है और अगर हम अनुमान लगाये तो इंटरनेट की इस दुनिया में ऐसे कितने ड़ीप फेक बोट मौजूद होंगे जो दुनिया की करोड़ों महिलाओं के सम्मान की धज्जियां उड़ा रहे होगें।
तथा प्रशन तो यह उठता है कि जिन एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदला गया क्या उन्हें इंटरनेट से हटाया जा सकता है या नहीं? क्योंकि अब तक तो यह ही कहा जा सकता है कि उन तस्वीरों को एक बार इंटरनेट पर आने के बाद कोई भी नहीं हटा सकता। अगर इंटरनेट पर आपसे जुड़ा कोई भी आपत्तिजनक कन्टेन्ट प्लोड़ हो चुका है तो यकीनन इसे मान लेना चाहिए कि आप उसे पूरी तरह किसी भी तरह नहीं हटा सकते व ज़्यादा से ज़्यादा वह शख्स भारत के आईटी ऐक्ट के तहत एक नोटिस के ज़रिए उस आपत्तिजनक कन्टेन्ट को हटाने के लिए आवेदन कर सकता हैं एंव जो वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कानूनों का पालन करते हैं वह तो एक हद तक इस आपत्तिजनक तसवीर को हटा भी सकते हैं लेकिन इंटरनेट पर तो ऐसी लाखों करोड़ों वेबसाइट है जिनसे इस कन्टेन्ट को हटाना संभव ही नहीं है। यहीं नहीं इंटरनेट पर अपना मान सम्मान बचाने की लड़ाई एक महिला को कैसे हताश और निराश के द्वार पर लाके खड़ी कर सकती है इसका स्पष्ट उदाहरण तो यहीं हैं।एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जिन तस्वीरों के साथ बहुत आसानी से छेड़छाड़ हो जाती है उनमें से ज्यादातर सेल्फी ही होती हैं।
सेल्फ में चेहरा साफ साफ दिखाई देता है और आम तौर पर इसका रेजॅलूशॅन भी अच्छा होता है। इसलिए सेल्फी से लिए गए किसी भी महिला के चेहरे को किसी अश्लील तस्वीर के साथ जोड़ना आसान हो जाता है। इसके अलावा जितना हो सके उतनी ही दूर से खींची गई तस्वीरें ही पोस्ट करनी चाहिए क्योंकि ऐसी तस्वीरों से चेहरे को अलग करना आसान नहीं होता और इनसे आसानी से छेड़छाड़ भी संभव नहीं है। गौरतलब है कि ड़ीप फेक ऐप्प के जरिए सिर्फ महिलाओं को ही बदनाम नहीं किया जाता, बल्कि इसका शिकार राजनेता , सेलीब्रिटी और आम पुरुष भी होते हैं। इसका साफ उदाहरण है अमेरिका के पूर्वराष्ट्रपति बराक ओबामा का एक फेक वीडियो। जिस वीडियो को बनाने के लिए बराक ओबामा की आवाज़ की कई घंटों की रिकॉर्डिंग्स का उपयोग किया गया और एल्गोरिथम की सहायता से ऐआई को बराक ओबामा की आवाज़ की कॉपी करना सिखाया गया फिर इसी ऐआई की मदद से एक नकली वीडियो तैयार किया गया। जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हुआ था व इसी तरह कई लोकप्रिय हस्तियां भी इस तरह की दुर्लभ दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि एक दौर था जब ओड़ियो और वीडियो को प्रमाणिक सच माना जाता था लेकिन अब धीरे धीरे यह विश्वास खोता जा रहा हैं और देखते ही देखते ड़ीप फेक इंटरनेट की दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार बन गया है और इसकी मदद से किसी का भी जीवन बर्बाद किया जा सकता है। जो बेशक़ ही शर्मनामक हैं परन्तु सबसे जरूरी बात यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूर्जस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सैटीग को ज्यादा से ज्यादा मजबूत रखना चाहिए और अनजाने- अनचाहे लोगों को अपनी फ्रेंड लिस्ट का हिस्सा बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए क्योंकि फ्रेंड का फ्रेंड आपका दोस्त नहीं होता।
-निधि जैन
इंटरनेट से इस एक तस्वीर को हटवाने में लोगों का पूरा जीवन निकल जाएगा लेकिन फिर भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह सच में हट गई है या नहीं क्योंकि
ऐसा ही कुछ, दुनिया भर की एक लाख महिलाओं के साथ हुआ है व इन महिलाओं की तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी ऐआई की सहायता से अश्लील तस्वीरों में बदल दिया गया एंव इसे टेलीग्राम नाम के एक ऐप्प पर शेयर किया जाने लगा है।
ऐआई की मदद से बनाए गए ऐसे वीड़ियों को ड़ीप फेक कहा जाता है एंव इन महिलाओं की यह तस्वीरें कैसे हटेंगी यह किसी को नहीं पता इसलिए आज दुनिया भर की सरकारों और बड़ी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को यह समझना चाहिए कि उन्होंने डीप फेक बनाने वाली टेक्नोलॉजी तो बना ली है लेकिन इसे रोकने का उपाय आखिर कौन करेगा?
और अगर कोई बड़ी कंपनी इसे रोकने का उपाय कर भी लेगी तो प्रशन तो यह ही उठता है कि उस टेक्नोलॉजी का बटन आखिर किसके हाथ में होगा। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि समूचे विश्व में प्रतिदिन सोशल मीडिया पर 180 करोड़ तस्वीरें लोगों की अपलोड जाती हैं यानी एक हफ्ते में इंटरनेट पर जितनी तस्वीरें अपलोड होती हैं वो दुनिया की इस वका की आबादी के बराबर है व इनमें से करोड़ों तस्वीरें सेल्फी के रूप में होती हैं एंव इनमें से अधिकतम महिलाओं की तस्वीरों की संख्या पुरुषों के मुकाबले बहुत ज़्यादा होती हैं। सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की गई तस्वीरें अगर अपराधियों के हाथ लग जाएं तो वह इनके साथ कुछ भी कर सकते हैं। जिसकी कल्पना शायद ही आपने या आपके परिवार ने कभी की भी होगी। इन तस्वीरों को बड़ी आसानी से ड़ीप फेक नामक टेक्नोलॉजी की मदद से अश्लील तस्वीरों में बदला जा सकता है। गौरतलब है कि इस खबर पर मुहर और किसी ने नहीं बल्कि इंटरनेट पर मौजूद फेक कन्टेन्ट
का पता लगाने वाली कंपनी सेंनसीटवाए ने लगाई हैं। व
इस कंपनी के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की सहायता से इन एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल दिया गया हैं एंव जांच में पता चला है कि यह सब एक ही ऐप्प ड़ीप फेक बोट की मदद से किया गया है।
बहरहाल ड़ीप फेक का मतलब होता है कि असली तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उसे किसी खास उद्धेश्य के लिए फेक तस्वीरों में बदल देना लेकिन यह सब इतनी सफाई से किया जाता है कि असली और नकली तस्वीरों और वीडियो में अंतर करना बहुत ही मुश्किल हो जाता हैं। जांच करने वाली कंपनी के अनुसार यह बोट मशहूर सोशल मीडिया मैसेजिंग ऐप्प टेलीग्राम के एक चैनल पर भी मौजूद है। जिस पर यूजर्स महिलाओं की तस्वीरें भेज रहे थे और यह बोट उन तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल रहा था। हैरानी वाली बात तो यह है कि यह तो सिर्फ एक ही ड़ीप फेक बोट की कहानी है जिस एक बोट ने एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदल दिया है और अगर हम अनुमान लगाये तो इंटरनेट की इस दुनिया में ऐसे कितने ड़ीप फेक बोट मौजूद होंगे जो दुनिया की करोड़ों महिलाओं के सम्मान की धज्जियां उड़ा रहे होगें।
तथा प्रशन तो यह उठता है कि जिन एक लाख महिलाओं की तस्वीरों को अश्लील तस्वीरों में बदला गया क्या उन्हें इंटरनेट से हटाया जा सकता है या नहीं? क्योंकि अब तक तो यह ही कहा जा सकता है कि उन तस्वीरों को एक बार इंटरनेट पर आने के बाद कोई भी नहीं हटा सकता। अगर इंटरनेट पर आपसे जुड़ा कोई भी आपत्तिजनक कन्टेन्ट प्लोड़ हो चुका है तो यकीनन इसे मान लेना चाहिए कि आप उसे पूरी तरह किसी भी तरह नहीं हटा सकते व ज़्यादा से ज़्यादा वह शख्स भारत के आईटी ऐक्ट के तहत एक नोटिस के ज़रिए उस आपत्तिजनक कन्टेन्ट को हटाने के लिए आवेदन कर सकता हैं एंव जो वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कानूनों का पालन करते हैं वह तो एक हद तक इस आपत्तिजनक तसवीर को हटा भी सकते हैं लेकिन इंटरनेट पर तो ऐसी लाखों करोड़ों वेबसाइट है जिनसे इस कन्टेन्ट को हटाना संभव ही नहीं है। यहीं नहीं इंटरनेट पर अपना मान सम्मान बचाने की लड़ाई एक महिला को कैसे हताश और निराश के द्वार पर लाके खड़ी कर सकती है इसका स्पष्ट उदाहरण तो यहीं हैं।एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जिन तस्वीरों के साथ बहुत आसानी से छेड़छाड़ हो जाती है उनमें से ज्यादातर सेल्फी ही होती हैं।
सेल्फ में चेहरा साफ साफ दिखाई देता है और आम तौर पर इसका रेजॅलूशॅन भी अच्छा होता है। इसलिए सेल्फी से लिए गए किसी भी महिला के चेहरे को किसी अश्लील तस्वीर के साथ जोड़ना आसान हो जाता है। इसके अलावा जितना हो सके उतनी ही दूर से खींची गई तस्वीरें ही पोस्ट करनी चाहिए क्योंकि ऐसी तस्वीरों से चेहरे को अलग करना आसान नहीं होता और इनसे आसानी से छेड़छाड़ भी संभव नहीं है। गौरतलब है कि ड़ीप फेक ऐप्प के जरिए सिर्फ महिलाओं को ही बदनाम नहीं किया जाता, बल्कि इसका शिकार राजनेता , सेलीब्रिटी और आम पुरुष भी होते हैं। इसका साफ उदाहरण है अमेरिका के पूर्वराष्ट्रपति बराक ओबामा का एक फेक वीडियो। जिस वीडियो को बनाने के लिए बराक ओबामा की आवाज़ की कई घंटों की रिकॉर्डिंग्स का उपयोग किया गया और एल्गोरिथम की सहायता से ऐआई को बराक ओबामा की आवाज़ की कॉपी करना सिखाया गया फिर इसी ऐआई की मदद से एक नकली वीडियो तैयार किया गया। जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हुआ था व इसी तरह कई लोकप्रिय हस्तियां भी इस तरह की दुर्लभ दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि एक दौर था जब ओड़ियो और वीडियो को प्रमाणिक सच माना जाता था लेकिन अब धीरे धीरे यह विश्वास खोता जा रहा हैं और देखते ही देखते ड़ीप फेक इंटरनेट की दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार बन गया है और इसकी मदद से किसी का भी जीवन बर्बाद किया जा सकता है। जो बेशक़ ही शर्मनामक हैं परन्तु सबसे जरूरी बात यह है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूर्जस को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की प्राइवेसी सैटीग को ज्यादा से ज्यादा मजबूत रखना चाहिए और अनजाने- अनचाहे लोगों को अपनी फ्रेंड लिस्ट का हिस्सा बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए क्योंकि फ्रेंड का फ्रेंड आपका दोस्त नहीं होता।
-निधि जैन