किसी भी देश पर निर्भर नहीं रहेगा डब्ल्यूएचओ

इस वक्त पूरा विश्व कोरोना महामारी के प्रकोप को झेल रहा है। कोविड़-19 को लेकर कई तरह के आरोपों का सामना कर रहा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हालही में एक नए फाउंडेशन की घोषणा की है। मौजूदा वक्त में विश्व स्वास्थ्य संगठन को हर सदस्य देश की ओर से सहायता राशि दी जा रही है। उसी के आधार पर डब्ल्यूएचओ दुनियाभर में आने वाले मुश्किलों को लेकर मदद करता है। परन्तु बीते दिनों अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ पर चीन के हाथों की कठपुतली होने का आरोप लगाते हुए उसकी ओर से संगठन को दी जाने वाली सहायता राशि पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद आशंका थी कि डब्ल्यूएचओ अपने खर्चो और परियोजनाओं के लिए सदस्य देशों की मदद पर निर्भर रहेगा।
क्योंकि एक अमेरिका ही डब्ल्यूएचओ को उसके कुल बजट का 15 फ़ीसदी फंड देता था। यानी 400 मिलियन डॉलर। लेकिन डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस  ने इस पक्ष में उत्तर देते हुए कहा कि अमेरिका मदद रोकने जाने की घटना और फाउंडेशन की स्थापना के बीच में कोई भी संबंध नहीं है। व इस फाउंडेशन को शुरू करने का काम पिछले साल मार्च में ही शुरू हो गया था। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन के नाम से इस संगठन की स्थापना की है। इस फाउंडेशन में किसी भी महामारी से निपटने के लिए फंड जुटाए जाएंगे। जिसमें ना केवल बड़े-बड़े देशों बल्कि आम नागरिकों से भी मदद ली जाएगी।
इस संगठन से नयी परियोजनाओं पर काम शुरू करने में भी सहायता मिलेगी व इस प्रकार डब्ल्यूएचओ के कामकाज का दायरा भी बढ़ सकेगा। शुरुआत में फाउंडेशन द्वारा जुटाई गयी राशि का प्रयोग वैश्विक कोरोना महामारी से लड़ने में किया जायेगा। 
-निधि जैन

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वर्ष 2020 की यादें

कौन भरेगा 814 करोड़ का नुकसान?

अब कावासाकी से भी लड़ना है