एक ने अलविदा कहा दूसरे ने उसके बिना खेलने से इनकार किया
हकीकत में इसे ही दोस्ती कहतें हैं, जहां एक ने अलविदा कहा तो दूसरे ने उसके बिना खेलने से ही इनकार कर दिया। सबको पता था एक दिन यह होना ही था पर अपने खेल को यूँ अलविदा करके अपने चाहने वालों को अचानक से मायूस करके सन्यास जो लिया आपने मिस्टर धोनी और सुरेश रैना करोड़ो लोगों का उदास कर दिया। लंबे वक्त से चल रही अटकलों को विराम देते हुए दो बार के विश्व कप विजेता और भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक महेंद्र सिंह धोनी ने स्वतंत्रता दिवस के दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का एलान कर दिया। भारत के सबसे सफल विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए यह ऐलान कर दिया कि अब वह रिटायर हो रहें है।
वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि, उन्होंने किस फॉर्मेट से संन्यास लिया हैं। धोनी टेस्ट क्रिकेट से तो पहले ही संन्यास ले चुके है व पिछले साल इंग्लैंड में हुए वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों भारत की हार के बाद उन्होंने कोई मैच भी नहीं खेला है। एंव धोनी के आईपीएल के तेरहवें संस्करण में खेलने की उम्मीद है जिसके लिए वह रांची से चेन्नई भी पहुंच चुके हैं। चेन्नई में बीते दिन से चेन्नई सुपरकिंग्स का छह दिन कंडीशनिंग शिविर लगना है। तथा तीन बार के आईपीएल विजेता धोनी चेन्नई टीम के कप्तान भी हैं। धोनी ने चेन्नई आने से पहले अपने गृहनगर रांची में कोरोना टेस्ट भी करवाया था जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही वह शुक्रवार को चेन्नई के लिए रवाना हुए थे। 2007 में अपनी कप्तानी में पहला टी-20 विश्व कप जीतने वाले धोनी ने भारत को 28 साल के लम्बे अंतराल के बाद 2011 में एकदिवसीय विश्व चैंपियन भी बनाया था। भारत ने उनकी कप्तानी में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती थी और टीम इंडिया उनकी कप्तानी में टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक भी बनी थी। जो उनके चाहने वालों के लिए बहुत ही गर्व की बात है। तथा इंग्लैंड में पिछले साल हुए वनडे विश्व कप के बाद से ही लगातार धोनी के संन्यास की अटकलें चल ही रही थीं लेकिन धोनी ने कभी भी इन अटकलों पर कोई भी प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी और इस मुद्दे पर लगातार खामोश रहे थे।
बहरहाल, आईपीएल का आयोजन 19 सितम्बर से 10 नवम्बर तक संयुक्त अरब अमीरात में होना है और आईपीएल की तैयारियां शुरू होने से पहले ही धोनी ने अब एलान कर दिया कि अब से उन्हें रिटायर माना जाए। 23 साल की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के लिए पदार्पण करने वाले धोनी आईसीसी की तीनों विश्व प्रतियोगिताएं जीतने वाले विश्व के एकमात्र कप्तान हैं और भारतीय क्रिकेट को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय भी उन्हें ही जाता है। वैसे तो धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे में मेलबोर्न टेस्ट के बाद से ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और जनवरी 2017 में उन्होंने विराट कोहली को वनडे और टी-20 की कप्तानी सौंप दी थी। गौरतलब यह है कि, खिलाड़ियों के दिमाग को पढ़कर उसे क्रिकेट के खेल में उपयोग करने की अनोखी ताकत रखने वाले धोनी झारखंड से निकलकर टीम इंडिया में जगह बनाने वाले पहले खिलाड़ी थे। बंगलादेश के खिलाफ अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले धोनी शुरुआती मैचों में भले ही कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाये हो लेकिन टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा दिखाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ अगली सीरीज में उन्हे फिर मौका दिया। जिसमें उन्होंने विशाखापत्तनम में पाकिस्तान के खिलाफ खेला और अपने करियर के पांचवे मैच में 123 गेंदों पर 148 रन की विस्फोटक पारी खेली और इसी पारी ने धोनी के करियर को एक झटके में आसमान तक पहुंचा दिया। और वही से माही ने अपनी मेहनत और लगन से लोगों के दिल में अपनी जगह बनाई। व उन दिनों धोनी की बल्लेबाजी और उनके लंबे बाल भी देश-दुनिया में चर्चा का विषय बने हुए थे। एंव उस वक्त उनके हेयर स्टाइल के दीवाने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ भी थे। उन्होंने एक सम्मान समारोह में धोनी के बालों की खुल कर चर्चा भी की थी। तथा तीन साल के भीतर ही धोनी को टी-20 और वनडे का कप्तान नियुक्त कर दिया गया और उन्होंने अपनी कप्तानी में 2007 में दक्षिण अफ्रीका में हुए टी-20 विश्वकप टूर्नामेंट को जीत कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। व इसके बाद से तो माही को 2008 में टेस्ट कप्तानी सौंपी दी गई। और फिर उनकी कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में जीत हासिल की और दिसंबर 2009 में पहली बार भारत टेस्ट क्रिकेट इतिहास में नंबर-एक रैंकिंग पर काबिज हुआ।
इसके बाद वर्ष 2011के विश्वकप के फाइनल में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 91 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलकर भारत को 28 वर्षों बाद विश्व कप खिताब दिलाया। और फाइनल में धोनी के लगाये ऐतिहासिक विजयी छक्के की तारीफ केवल उनके प्रशंसको ने ही नहीं बल्कि कई क्रिकेट दिग्गजों ने भी की थी। तथा उनकी तारीफ में भारत के क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी कहा था कि मैं मरने से पहले विश्वकप फाइनल 2011 में धोनी का आखिरी छक्का देखना चाहूंगा।जिसके बाद वर्ष 2013 में इंग्लैंड को उसके मैदान पर हराकर आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी भी माही ने जीती थी। व माही का करियर 16 साल तक चला। एंव धोनी ने भारत के लिए अब तक सबसे अधिक 200 वनडे में कप्तानी की है जिसमें टीम को 110 मैचों में जीत हासिल हुई है। और उन्होंने 350 वनडे मैचों में 50.57 के औसत से 10773 रन बनाए, जिसमें दस शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं। इस दौरान उन्होंने विकेट के पीछे 444 शिकार किए हैं। व वनडे में 229 छक्के मारे हैं जो एक भारतीय रिकॉर्ड है। तथा धोनी ने 90 टेस्ट मैचों में 38.09 के औसत से 4876 रन बनाए जिसमें 6 शतक और 33 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैचों में उन्होंने विकेट के पीछे 294 शिकार किए। और उनका आखिरी वनडे 350वां वनडे था जिसमें उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 72 गेंदों में 50 रन बनाये थे और मामूली अंतर से रन आउट हुए थे।
परन्तु वह उनकी आखिरी अंतर्राष्ट्रीय पारी थी। जिसमें उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में विकेट के पीछे कुल 829 शिकार किए जिसमें 634 कैच और 195 स्टंपिंग शामिल हैं। वैसे तो माही ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा आईपीएल में भी कुछ ऐसे रिकॉर्ड बनाए हैं जिन्हें तोड़ना किसी भी खिलाड़ी के लिए बेहद कठिन होगा। वह आईपीएल में सबसे ज्यादा नौ बार फाइनल खेलने वाले अकेले खिलाड़ी हैं। और इसी दौरान उन्होंने अपनी टीम चेन्नई सुपर किंग्स को तीन बार खिताबी जीत भी दर्ज कराई हैं। परन्तु बीते दिनों भारतीय क्रिकेट फैन्स के लिए बहुत ही दो बुरी खबरें आई थी जिसमें पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के रिटायरमेंट की घोषणा के ठीक बाद ही सुरेश रैना ने भी संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। रैना ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी थी। जिसमें सुरेश रैना ने धोनी के साथ अपनी एक तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था है कि आपके साथ खेलना एक बहुत खूबसूरत अनुभव था माही और आगे उनहोंने लिखा मैं गर्व के साथ आपके इस सफर में भी आपका साथी बनने जा रहा हूं व रैना ने टीम इंडिया का भी शुक्रिया किया था। वैसे तो रैना को टेस्ट मैच में अधिक मौके नहीं मिले मगर उन्होंने वनडे इंटरनैशनल क्रिकेट में खूब जलवा बिखेरा है। टेस्ट में रैना ने 19 मैचों में 26.18 की औसत से 768 रन बनाए थे व वनडे में रैना ने 226 मैच खेले और 35.31 की औसत से 5,615 रन बनाए। एंव वनडे में रैना ने 5 शतक और 36 अर्धशतक लगाए। तथा फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी रैना का शानदार ट्रैक रेकॉर्ड रहा है। 109 फर्स्ट क्लास मैचों में उन्होंने 42.15 की औसत से 6871 रन बनाए है। और 109 मैचों में उन्होंने 14 शतक और 45 अर्धशतक भी लगाई है। बहरहाल, देश और झारखण्ड को गर्व और उत्साह के अनेक क्षण देने वाले माही और रैना ने हालही में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया। तथा सुरेश और माही ने जो अपने देश को क्रिकेट में जो सम्मान दिलाया उसे यह देश हमेशा याद रखेगा पर शायद अब हम इन दोनों को नीली जर्सी पहने नहीं देख पायेंगे। लेकिन देशवासियों को उनकी कमी कोई भी पूरा नहीं कर पाएगा।
वह आखिरी के ओवरों में मैच कौन बदलेगा। पांच विकेट पर 140 रन की दरकार को पूरा करने अब माही नहीं आएगा परन्तु आप याद जरूर आएगे और इसी तरह क्रिकेट का खेल चलता जाएगा।
-निधि जैन