मजदूरों के सुपरहीरो
रील् खलनायक से असली नायक तक का सफर निभाने वाले सोनू सूद की जितनी प्रशंसा हो उतनी कम है, क्योकि उन्होंने अपने से पराय लोगों की इतनी सहायता की है जितनी की इस खुदगर्ज दुनिया में कोई अपनों की भी नहीं करता।
उन्होंने इंसानियत की एक मिसाल पेश की है कि इस दुनिया में अब भी कई ऐसे लोग जीवित है, जो अपनों से पहले दुसरे के बारें में सोचते है। उनके दर्द को अपना दर्द समझते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के प्रकोप के कारण पिछले कई महीनों से देश के गरीब तबके के लोगों की जिंदगी नरक से भी बदतर हो रही थी। उन लोगों के पास खाने के लिए पैसे नहीं थे, रहने के लिए सर पर छत नहीं थी। व अन्य कई तरह की परेशानियों से वह लोग जूझ रहे थे। सरकार अपनी तरफ से प्रयास कर ही रही थी लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही थी। परन्तु ऐसे कठिन समय में, संकट की घड़ी में सिर्फ एक ही वह नायक सोनू थे, जो लोगों की मदद करने के लिए सामने आये।सोनू प्रवासी मजदूरों से मिले उनके दर्द को अपना दर्द समझा उनकी परेशानियां सुनी, उनको उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया, लोगों को खाने का समान दिया। बस, ट्रेन और तो और प्लेन से भी मजदूरों को उनके परिवार के साथ घर पहुंचाया। तथा एक बार भी वह किसी की भी सहायता करने से पीछे नहीं हटे। उन्होंने पूरी इमानदारी, निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करी। लोगों तक सोनू ने हरसंभव सहायता पहुंचाई। और अब लोग उनकों लॉकड़ाउन का हीरो कहकर उनका धन्यवाद अदा कर रहे है। व हालही में सोनू सूद ने एक ऐप के जरिये भी प्रवासी बेरोजगारों को काम दिलाने की पहल शुरू की है। वास्तविक में सूद इस कोरोना महामारी के बीच असली हीरो साबित हुए हैं। बीते कुछ महीनों में सोनू कई हजारों प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाकर उनकी मदद कर चुके हैं। एंव लॉकडाउन के दौरान वह कई लोगों की जिंदगी के सुपरहीरो साबित हुए। और सोनू का यह काम अब भी जारी है।
लोगों के मसीहा बने सोनू बेशक़ बड़े परदे पर खलनायक का रोल निभाते हैं लेकिन, असल जिंदगी में उन्होंने मजदूरों का साथ देकर यह साबित कर दिया है कि वह ही लोगों के सच्चे हीरो है।
-निधि जैन