अब सैनिटाइजर से भी खतरा

देश और विश्व में कोविड-19 के विस्तार संक्रमित मामलों के मद्दे-नज़र डॉक्टर और विशेषज्ञ शुरुआत से ही साफ-सफाई और हाइजीन मेंटेन करने की सलाह दे रहे हैं। खासकर हाथों को साफ रखना जरूरी बताया जा रहा है, क्योंकि सबसे ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा हाथों के जरिए ही होता है। साबुन या हैंडवॉश से हाथ धोने के लिए पानी जरूरी है परंतु कार्यस्थल में या सफर में बार-बार वॉशरूम जाना असंभव है।
ऐसे में लोग हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग अत्यधिक कर रहे हैं। जिससे सैनेटाइजर की खपत बढ़ गई है। अस्पताल, कार्यस्थल इत्यादि से लेकर हर जगह हैंड सैनिटाइजर का उपयोग हो रहा है। हैंड सैनिटाइजर ने धीरे-धीरे हर घर में अपनी जगह बना ली है। लेकिन हद से ज्यादा इसका प्रयोग भी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेल्बर्न की रिसर्च ने खुलासा किया है, कि हैंड सैनेटाइजर जहां कोरोना महामारी को रोकने के लिए कारगर साबित हो रहा है वही साथ ही अन्य कई बीमारियों को सौगात भी दे रहा है। हैंड सैनिटाइजर्स का लंबे समय तक प्रयोग करने से ये स्किन को ड्राई और रफ बना सकता है। इतना ही नहीं इसके चलते त्वचा संबन्धी कई बीमारियां भी हो सकती हैं। हैंड सैनेटाइजर में फालेट्स होता है जिसके सूंघने तक से ही काफी नुकसान होता है। सैनिटाइजर्स बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया को भी मार देता है। ज्यादा खुशबू वाले सैनिटाइजर लीवर, किडनी, फेफड़े और हमारे पाचन तंत्र को भी प्रभावित करते हैं। 
जिससे कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं कई कंपनी के सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा ज्यादा होती है। ऐसे में बच्चों द्वारा इसका इस्तेमाल से व मुंह में जाने से इससे ओर ज्यादा नुकसान पहुंच सकता है। कुछ रिसर्च तो इसे बच्चों की इम्यूनिटी  पर बुरा प्रभाव ड़ालने वाला भी बता चुके हैं। इसलिए इसे यूज करने से बेहतर होगा कि आप साबुन का यूज ज्यादा करें।
-निधि जैन

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