लोकप्रियता भी असत्य होती है
आज के दौर में सोशल मीडिया अपनी ही एक अहमियत रखता है। जिसके बिना शायद ही कोई रह सके। व इसके माध्यम से हम विश्व की कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर हम अक्सर उन लोगों को ही महत्व देते है जिनकी लोकप्रियता और उनके फॉलोअर्स की संख्या अधिक होती है। एंव जिनके कम फॉलोअर्स होते हैं, उन्हें हम कम लोकप्रिय मानते है।
परंतु वास्तविक में कुछ लोकप्रिय स्टार्स और सेलिब्रिटीज जिनको हम फॉलो करते हैं, जिनकी बातें हमारे मन पर गहरा प्रभाव डालती हैं, उनके अधिकतम फॉलोअर्स नकली और खरीदे हुए होते हैं। जिसका पर्दाफाश मुंबई पुलिस ने किया है, जिसमें पता चला है कि सोशल मीडिया के बड़े-बड़े प्रभावशाली लोग दूसरों पर अपना रौब डालने के लिए बड़ी संख्या में नकली फॉलोअर्स खरीदते है। तथा उनके लिए यह एक बिजनेस मॉडल होता है। जिसके तहत जिस व्यक्ति के जितने ज्यादा फॉलोअर्स होंगे वह व्यक्ति किसी भी प्रोडक्ट के प्रचार या किसी के पक्ष में बात कहने के लिए उतने ही ज्यादा पैसे लेता है। महाराष्ट्र पुलिस ने इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए यह दावा किया है, कि सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स से लेकर, लाइक्स, कमेंट्स, सब्सक्राइबर्स, रीट्वीट्स और व्यूज तक खरीदे जाते हैं।पुलिस का कहना है कि, बॉलीवुड समेत कई बड़ी हस्तियों ने सोशल मीडिया पर अपनी लोकप्रियता और प्रभाव बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में नकली फॉलोअर्स खरीदे हैं। व इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने के लिए कुछ स्टार्स बोटस का भी उपयोग करते है। जो कि एक तरह के इंटरनेट रोबोट्स होता हैं जो किसी भी ऐसी खबर या कंटेंट को न्यूज फीड में सबसे ऊपर प्रमोट करने में सक्षम होते हैं जिनका मकसद किसी भी विषय या व्यक्ति के खिलाफ दुष्प्रचार करना होता है। जिसका सीधा मतलब है कि अब सिर्फ इंसानों के जरिए ही नहीं, बल्कि रोबोट्स के जरिए भी फेक न्यूज को फैलाया जाता है।
हालांकि, मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में कई लोगों को अब तक गिरफ्तार कर लिया है। जो फॉलोअर्स कार्ट नाम की एक कंपनी के लिए काम करता थे। तथा इस जांच के दौरान ही पुलिस को पता चला कि यह कंपनी 80 अलग-अलग श्रेणियों में 700 से ज्यादा सर्विसेज मुहैया कराती थी। और यह सर्विसेज यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, लिंक्डइन, स्पोटिफाई और साउंड क्लाउड समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन गेम्स एप्लीकेशंस से भी जुड़ी हुई थी। फॉलोअर्स कार्ट नाम की यह कंपनी इन प्लेटफॉर्म्स पर अपने ग्राहकों को नकली लाइक्स, कॉमेंट्स, व्यूज, रीट्वीट्स, सब्सक्राइबर्स और फॉलोअर्स उपलब्ध कराती थीं और इसके बदले में डॉलर्स में उनसे फीस वसूलती थी। और जांच में यह भी पता चला कि इस कंपनी का नेटवर्क लगभग पूरी दुनिया में फैला हुआ था व भारत के अलावा यह कंपनी रूस, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और इजरायल में भी प्रमुखता से काम कर रही थी। एंव इस केस में एक ओर व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है, जिसका नाम कासिफ मंसूर है और यह शख्स पेशे से एक सिविल इंजीनियर है और एक वेबसाइट को ऑपरेट करता था। यह शख्स इस घोटाले में एक बड़ा खिलाड़ी था। और इसकी कंपनी भी नकली फॉलोअर्स उपलब्ध कराने का ही काम करती थी जिसके जरिए इसने कई करोड़ों रुपये की कमाई की थी।
बहरहाल, इस समय पुलिस के रडार पर दो सौ से भी अधिक सेलिब्रिटीज हैं। जिनमें बॉलीवुड स्टार्स से लेकर, कोरियोग्राफर्स, मशहूर टिकटॉक स्टार, बॉडी बिल्डर्स और दूसरे सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स शामिल हैं।
वर्ष 2019 की दि इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेपररी म्यूजिक परफॉर्मेंस यानी आईसीएमपी द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में उन दस बॉलीवुड सेलिब्रिटीज का जिक्र है, जिन पर नकली फॉलोअर्स खरीदने के आरोप हैं। और अगर नकली फॉलोअर्स की बात सत्य है, तो ये अपने आप में एक बिजनेस मॉडल है जिसके तहत कुछ सेलिब्रिटीज अपने फॉलोअर्स की संख्या को बढ़ा चढ़ा कर दिखाते हैं और फिर किसी प्रोडक्ट या कंटेट को प्रमोट करने के नाम पर या किसी के पक्ष में कुछ लिखने के नाम पर भी करोड़ों रुपये कमाते हैं। हालांकि अभी तक कुल मिलाकर मुंबई पुलिस 60 से ज्यादा कंपनियों की जांच कर रही है, जिन पर नकली फॉलोअर्स बेचने के आरोप हैं। एंव यह घोटाला अब तक के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है क्योंकि इस घोटाले के शिकार होने वालों की संख्या हजार या लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों में है। या यूं कहें कि इस घोटाले का शिकार पूरी दुनिया की आधी से भी ज्यादा आबादी हो चुकी है। एक अध्यन में खुलासा हुआ है कि, दुनिया भर में सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों की संख्या अब 396 करोड़ है। और यह 750 करोड़ आबादी वाली दुनिया का 52 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन इन 396 करोड़ लोगों के साथ पिछले लंबे समय से एक बहुत बड़ा धोखा किया जा रहा है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच अब तक 21 लोगों से इस मामले में पूछताछ कर चुकी है। और आने वाले दिनों में पुलिस उन बाकी सेलिब्रिटीज से भी पूछताछ कर सकती है जिन पर नकली फॉलोअर्स खरीदने के आरोप है। मुंबई पुलिस ने इस पूरी जांच को दो हिस्सों में बांटा है। पहले हिस्से में उन कंपनियों की जांच की जाएगी जो नकली फॉलोअर्स उपलब्ध कराती हैं और दूसरे हिस्से में उन सेलिब्रिटीज और इंफ्लूएंसर्स की जांच होगी जो इन नकली फॉलोअर्स के दम पर सोशल मीडिया पर अपना प्रभाव बढ़ाते है। और अब मुंबई पुलिस कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से डेटा मंगाकर इस बात की भी जांच कर रही है, की किन सेलिब्रिटीज के कितने फॉलोअर्स नकली और कितने असली हैं।
फॉलोअर्स कार्ट नाम की एक कंपनी एक नकली फॉलोअर के लिए 187 रुपये लेती थी, जबकि एक लाइक की कीमत है 117 रुपये, इसी तरह इंस्टाग्राम पर 190 रुपये में एक कॉमेंट खरीदा जाता है, लिंक्डइन पर एक नकली फॉलोअर हासिल करने की कीमत 700 रुपये रखी गई थी, तो यू ट्यूब का एक नकली सब्सक्राइबर करीब 4 हजार रुपये में पड़ता था और इसी प्लेटफॉर्म पर एक नकली लाइक की कीमत 209 रुपये रखी गई थी, फेसबुक पर एक लाइक की कीमत 133 रुपये और ट्विटर पर एक नकली फॉलोअर हासिल करने की कीमत 243 रुपये रखी गई थी। जबकि इस कंपनी के जरिए ट्विटर पर 3 हजार रुपये खर्च करके एक नकली कॉमेंट भी हासिल किया जा सकता था।
गौरतलब है कि, ऐसे ज्यादातर मामलों में यह नकली फॉलोअर्स इंसान नहीं बल्कि बोट्स द्वारा ही होते हैं व जब ये आपको फॉलो करते हैं तो उसके बाद आप इन्हें फॉलो बैक नहीं कर सकते।
इसके अलावा घोस्ट फॉलोअर्स का भी प्रयोग किया जाता है, और यह वो सोशल मीडिया अकाउंट होते हैं जो लंबे समय से सक्रिय नहीं होते तथा इनका इस्तेमाल सिर्फ फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाने के लिए ही किया जाता है। और इन्हीं नकली फॉलोअर्स का इस्तेमाल करके फेक न्यूज फैलाई जाती है, लोगों को ट्रोल किया जाता है, दुष्प्रचार किया जाता है। एंव सोशल मीडिया पर जो हम देखते हैं, जिन्हें हम फॉलो करते हैं, जिनकी बातों को हम लाइक करते हैं, जिनके अकाउंट्स और यू ट्यूब चैनल्स को हम सब्सक्राइब करते हैं, उनमें से कई लोग ऐसे होते है जो अपनी लोकप्रियता को असत्य दिखाते हैं और हम इसी को सत्य मानकर उनकी बातों का विश्वास करते हैं।
-निधि जैन