त्यौहार पर विरान हुई सड़के
संसार में किसी ने सोचा भी नहीं होगा, कि ऐसे भी दिन देखने को मिलेंगे, जब लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे। आसमान की ऊंचाइयों को नापने का सपना ऐसा टूटेगा कि लोग अपनों से भी नहीं मिल पाएंगे। घर लौटने की राह देखते-देखते घर में ही बंद हो जाएंगे। घर से बाहर निकलना यानी मौत को आमंत्रण देना हो जाएगा।
पर्यावरण शुद्ध हो जाएगा, लेकिन चैन की सांस नहीं ले पाएंगे। ईद जैसा त्योहार, जिसकी रौनक हर देश के बाजारों, गली-मोहल्ले में देखने को मिलती है, वहां सन्नाटा छाया रहेगा। इस साल रमजान के महीने में कई देशों की मस्जिद बंद रही और जिन्होंने ऐसा नहीं किया, वहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े। ईद उल फितर के नमाज को पढ़ने के लिए जहां मस्जिदों में हर साल अल्लाह के दर पर नमाजियों की भीड़ लगी रहती थी, इस साल वहां सन्नाटा छाया रहा। वायरस के कहर का एक ऐसा मंजर देखने को मिला है, कि पूरे रमजान के पाक महीने में लोगों को मस्जिद ना आने देने के लिए मजबूर कर दिया।चीन के एक वायरस ने विश्व में पहली बार रमजान के पाक महीने में अल्लाह का दर खाली करवा दिया। कोरोना वायरस रेस्ट्रिक्शन के कारण सऊदी अरब के मक्का में इस बार ईद उल फितर के नामज के दौरान सन्नाटा छाया रहा। काबा में जहां हर साल त्योहार के समय रौनक रहती थी, वहां इस साल लगे सोशल गैदरिंग पर बैन के कारण लोग नजर नहीं आए। मस्जिदों में इमाम ने नमाज पढ़ी वो भी पोडियम में। कई सुरक्षाबलों के बीच नमाज अदा की गई।कोविड़-19 के कारण इस बार दुनिया के कई हिस्सों में सुनी ईद मनाई गई। लोगों के मन में उमंग है, लेकिन सड़के विरान है। पहले जहां लोग अपनों के घर जाते थे, इस साल कोरोना ने लोगों को वीडियो कॉल पर ही समेट के रख दिया हैं।
-निधि जैन