आखिरकार कब मिलेगा निजात?

 देश में कोरोना वायरस के आंकड़े प्रतिदिन बढ़ते जा रहे है. लोग अब इस महामारी से त्रस्त हो चुके है. चीन के वुहान शहर से उपजे कोरोना वायरस ने देश में अभी तक 97 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. यह वायरस पहले तो लोगों को हल्की बीमारी जैसे सर्दी जुकाम से अपनी चपेट में लेता है लेकिन धीरे-धीरे करके इंसान की जान तक ले लेता है।

परन्तु अभी तक इस वायरस की रोकथाम के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं हुई है. हालांकि तमाम कम्पनियां यह दावा कर रही है कि उनकी वैक्सीन इस दौड़ में सबसे आगे है. भारत में वायरस की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा तमाम कोशिशें की जा रही है. जिसके चलते सरकार ने सभी गैर आवश्यक कार्य पर रोक लगा दी थी और लोगों को अपने घरों में रहने के निर्देश दिये थे. हालांकि भारत सरकार ने पूरे देश में 17 मई तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी. जिसे बढ़ा कर 31 मई कर दिया गया था लेकिन अब धीरे-धीरे करके सब चींजे खुल ही गई है. वहीं इस प्रकोप को एक दर्जन से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महामारी घोषित किया गया है और महामारी रोग अधिनियम, 1897 के प्रावधानों को लागू किया गया है. वहीं शैक्षणिक संस्थानों और कई वाणिज्यिक संस्थानों को भी बंद कर दिया गया था. जिसके साथ ही भारत ने सभी पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया था क्योंकि अधिकांश पुष्ट मामले अन्य देशों से लौटे लोगों में ही पाई गई थी. सरकार ने देश भर के 75 जिलों में लॉकडाउन जारी किया था. जहां 31 मार्च तक कोविड-19 मामलों की पुष्टि की गई थी. बहरहाल दुनियाभर में कोरोना की वैक्सीन को लाने की तैयारियां जोरों पर हैं. जंहा ब्रिटेन ने फाइजर कंपनी के टीके को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है तो वहीं चीन में भी टीके को बड़े स्तर पर बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है व चीन की प्रांतीय सरकारें स्वदेश निर्मित कोरोना वैक्सीन के लिए ऑर्डर दे रही हैं. हालांकि वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा इस बारे में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई है कि वैक्सीन कितनी प्रभावी हैं और उन्हें देश की 1.4 अरब आबादी तक कैसे पहुंचाया जाएगा लेकिन इसके अलावा एक और बात यह भी है कि चीन में किसी भी वैक्सीन के अंतिम चरण का ट्रायल अभी तक पूरा नहीं हुआ है परन्तु चीन के विदेश मंत्री ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में यह जरूर कहा था कि टीका निर्माता अंतिम परीक्षण की प्रक्रिया को तेज कर रहे हैं एंव चीन के चार वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पांच संभावित टीकों का रूस, मिस्र और मेक्सिको समेत 12 से अधिक देशों में परीक्षण चल रहा है।
हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि परीक्षण में वैक्सीन के सफल होने के बाद भी अमेरिका, यूरोप, जापान और अन्य विकसित देशों में उसके इस्तेमाल के लिए मंजूरी संबंधी प्रक्रिया बहुत ही जटिल हो सकती है. तथा चीन में वैसे तो बहुत पहले से ही लोगों को वैक्सीन दी जा रही है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की कंपनी सिनोफार्म द्वारा विकसित वैक्सीन करीब 10 लाख लोगों को दी भी जा चुकी है व किसी में भी गंभीर साइड-इफेक्ट देखने को नहीं मिले हैं. ऐसे में अब वहां के उप-प्रधानमंत्री सुन चुनलान ने कहा है कि, हमें अब बड़े स्तर पर वैक्सीन के उत्पादन के लिए तैयार रहना चाहिए. कंपनी के चेयरमैन लिऊ जिंन्गजेन ने अगस्त महीने में ही वैक्सीन की कीमत को लेकर कहा था कि जब यह वैक्सीन बाजार में उतारी जाएगी तो इसकी दो खुराक की कीमत एक हजार चीनी युआन यानी करीब 10 हजार रुपये से कम होगी. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि आखिर यह वैक्सीन बाजार में कब उपलब्ध होगी. गौरतलब है कि अब हर देश वासी को सिर्फ कोरोना वायरस के टीके आने की उम्मीद है. हालांकि देश की राजधानी में टीकाकरण की तैयारियां काफी तेजी से चल रही हैं. सरकार की कोशिश अभी टीके के भंडारण के लिए उपयुक्त बुनियादी सुविधा के विकास पर ही है. अधिकारियों का कहना है कि अमेरकि दवा कंपनी फाइजर सहित तीन कंपनियों का टीका अगले कुछ ही सप्ताह में आ सकता है लेकिन फाइजर के लिए बहुत ही कम तापमान चाहिए और यह क्षमता हमारे देश में उपलब्ध नहीं है तो ऐसे में सरकार ने बाकी दो भारत बायोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट के टीका की जरूरतों को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, दिल्ली में 20 से 25 फीसदी आबादी को टीका दिया जाना जरूरी है और करीब 50 लाख लोगों की सूची में 2 से तीन लाख स्वास्थ्य कर्मचारी ही हैं व इनके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर और 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी सूची में शामिल किया गया है. वहीं, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक, पॉलीक्लिनिक, डिस्पेंसरी और अस्पतालों तक को टीकाकरण में इस्तेमाल करने की जानकारी मिल चुकी हैं. स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि, टीकाकरण को लेकर हमारे पास पर्याप्त इंतजाम हैं क्योंकि मिशन इंद्रधनुष, पोलियो इत्यादि टीकाकरण का अनुभव कोविड-19 में काफी काम आने वाला है. वहीं, फाइजर कंपनी का जो टीका है. उसे 70 डिग्री तापमान तक पर रखना पड़ता है जो कि देश के किसी भी राज्य के लिए अभी संभव नहीं है. बहरहाल भारत में कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज और टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर जोर शोर से तैयारियां शुरू हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, टीकाकरण के लिए करीब डेढ़ लाख ANM कार्यकर्ताओ की जरूरत होगी. जिसके लिए राज्य सरकारों को निर्देश दे भी दिए गए हैं. देश में एक तरफ जहां कोरोना वैक्सीन के आने का बेसब्री से इंतजार है तो वहीं विभिन्न राज्यों में वैक्सीन के स्टोरेज, वितरण और टीकाकरण को लेकर मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. यूपी, बिहार, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों की सरकारें कोरोना वैक्सीन और उसके टीकाकरण को लेकर अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं. जिसमें कोल्ड चेन, स्टोरेज प्वाइंट जैसे बंदोबस्त किए जा रहे हैं. वहीं यूपी में भी वैक्सीनेशन को लेकर हुई बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जिलों में सुरक्षित तरीके से वैक्सीन के स्टोरेज और टीकाकरण का प्लान जल्द देने को कहा है. यूपी सरकार सभी 75 जिलों में कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने की तैयारी कर रही है एंव अपर मुख्य सचिव का भी कहना था कि प्रदेश में वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेज की क्षमता 90 हजार लीटर है. जिसे अब बढ़ाकर 2 लाख 30 हजार लीटर करने की जरूरत है लेकिन सवाल तो यह है कि आखिर कोरोना की वैक्सीन आम लोगों को कब मिलेगी, आखिरकार कब उन लोगों को जानलेवा कोरोना वायरस से छुटकारा मिलेगा।
-निधि जैन

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