संसार पस्त पर चीन की इकॉनमी बेहतर

 चीन के वुहान शहर से जन्मा कोरोना वायरस समूचे विश्व में ताड़ंव मचा रहा है। जिसके कारण दुनिया की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है। लोग बेरोजगार हो रहे हैं, उन से उनका काम छिन रहा है, कारखाने, दुकानें इत्यादि बंद पड़ी है।

लोग पैसे कमाने की लाल्सा में गलत रास्तों पर जा रहे हैं। व प्लाज्मा थेरेपी जो कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए इस संकट की घड़ी में एक उम्मीद बनकर आई थी उस पर भी कुछ खुदगर्ज़ लोगों ने पैसा कमाने के लिए तस्करी का काम शुरू कर दिया है। तथा भारत में तो लोग इस दुखद घड़ी से उभरने के लिए विभिन्न प्रयास कर ही रहे हैं, परंतु फिर भी भारत की अर्थव्यवस्था नीचे ही गिरती जा रही है। जिसका एक मुख्य कारण लॉकडाउन भी है। बहरहाल, चीन में कोविड़-19 महामारी के कारण जो लॉकडाउन लागू था उसको हटाने के बाद व काराखानों, दुकानों को फिर से खोलने के बाद अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है। चीन की अर्थव्यवस्था अब वायरस के बाद 3.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। चीन ने हालही में इसके आंकड़ों जारी किए थे।
जिसके अनुसार चाईना की आर्थिक वृद्धि में सुधार हुआ है, जबकि चाईना में इससे पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.8 फीसदी की दर से घटी थी। हालांकि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की शुरुआत चीन में दिसंबर माह से ही हो गई थी। जिसकी वजह से चीन में ही सबसे पहले अर्थव्यवस्था को बंद किया गया था। जिसके बाद मार्च में चीन की अर्थव्यवस्था फिर से खुलने लगी थी। विनिर्माण और कुछ दूसरे उद्योगों में कामकाज लगभग सामान्य स्थिति में अब वापस आ ही गया है, परन्तु बेरोजगारी की आशंका के चलते उपभोक्ता खर्च कमजोर है। एंव चीन में सिनेमा और कुछ अन्य व्यवसाय अभी भी बंद हैं व यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। वैसे तो भारत-चीन सीमा विवाद के बाद अब चीन के खिलाफ पूरा देश एकजुट हो गया है। पूरे देश में चीनी कंपनियों और चीनी प्रोडक्ट का लगातार बहिष्कार हो ही रहा है। जिसके कारण ही भारत और चीन के बीच का द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2019-20 में घटकर 81.87 अरब डॉलर रह गया, जो साल 2018-19 में 87.08 अरब डॉलर था। तथा दोनों देशों के बीच व्यापार अंतर भी 53.57 अरब डॉलर से घटकर 48.66 अरब डॉलर हो गया है। एक अध्ययन में खुलासा भी हुआ है कि, चीन वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
लेकिन अब भारत को समझ आ गया है कि चीन असल में है क्या। चीन किसी का भी सगा नहीं है, इसलिए अब भारत भी चीन को हर उद्योग में टक्कर देने के लिए सक्षम हो रहा है।
-निधि जैन

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