दुर्भाग्य पूर्ण दिन या गौरवान्वित
कोरोना वायरस के सुरक्षा उपायों के बीच देश की राजधानी दिल्ली में 72वीं गणतंत्र दिवस परेड में बीते दिन कुछ चीजें पहली बार देखने को मिलीं, इसमें केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख की झांकी और कोविड-19 की महामारी पर केंद्रित झांकी सबके बीच चर्चा का विषय बनीं।
कोरोना महामारी के बीच इस बार की छोटी और कम प्रतिभागियों वाली परेड और कम मेहमान के बीच इन झांकियों में भारत की संस्कृति और क्षमता का चित्रण देखने को मिला। वर्ष 2020 में देश सहित पूरी दुनिया ने कोरोना संक्रमण की महामारी का सामना किया, इसकी झांकी भी इस बार परेड में दिखाई दी।हालांकि यह देश में विकसित की गई कोरोना वैक्सीन के लिए भी जाना जाएगा। गौरतलब है कि जहां देश में गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा था तो वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन ने देश के अहम दिन को शर्मनाक साबित कर दिया। बेशक यह किसान आंदोलन आंदोलन नही रहा बल्कि आरजकता में तब्दील हो गया था। उर्ग किसानों ने दिल्ली में लाल क़िले के ऊपर चढ़कर प्रदर्शन किया। व उत्पात कंट्रोल से बाहर हो गया था।
बहरहाल यह जय जवान- जय किसान कहने वाला देश है। जवानों की किसानों पर लाठी बरसाने और किसानों की जवानों के ऊपर ट्रैक्टर चलाने की तस्वीरें देश को शर्मसार करने वाली हैं। शांतिपूर्ण आंदोलन की बात करने वाले अब कहेंगे की यह हमारे संगठन के लोग नहीं हैं लेकिन पत्थरबाज़ी, लाठी चार्ज, आसू गैस के गोले और तलवार वाला शांतिपूर्ण आंदोलन आज पहली बार देश ने गणतंत्र दिवस के दिन देखा।
-निधि जैन