रक्षक करेंगा रक्षा
कोविड़-19 का प्रकोप समूचे विश्व में ताड़व मचा रहा है, तमाम कोशिशों के बावजूद भी कोरोना संक्रमितों के आकड़ों में जरा सी भी कमी नहीं आ रही हैं। लेकिन यह जरूर है कि, देश भर में मृत्यु दर में गिरावट आई है, परन्तु इसे फिर भी इत्मिनान लायक नहीं समक्षा जा सकता क्योकि जान का जोखिम तो अभी भी बना हुआ ही है। व इस संकट की घड़ी में हम जितने एहतियातन बरतेगे उतना ही हमारे लिए अच्छा होगा।
कोरोना की इस जारी लड़ाई में मध्य रेलवे ने एक स्वास्थ्य सहायक रोबोट बनाया है, जिसका नाम रक्षक रखा गया है। और यह रोबोट पूरी तरह से इन हाऊस तैयार किया गया है। जिसे भारत रत्न डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मेमोरियल अस्पताल, भायखला में तैनात किया गया है।इस रोबोट के जरिए डॉक्टर और पेशेंट दोनों ही एक दूसरे से दूर से ही संवाद कर सकते हैं। व यह रक्षक तापमान, नाड़ी, ऑक्सीजन प्रतिशत और डिस्पेंसर सैनिटाइजर ऑटोमेटिक, इंफ्रोरड़ सेंसर जैसे स्वास्थ मापदंडो को भी माप सकता है। एंव यह 150 मीटर तक की दूरी तक सभी दिशाओं में आगे बढ़ सकता है। तथा मरीजों की दवा, भोजन से लेकर रोगी और डॉक्टरों के बीच दो-तरफा विड़ियो संचार भी करा सकता है व दस किलों तक का वजन भी यह उठा सकता है। और यह एक एंड़्रॉइड़ मोबाइल एप्लीकेशन से संचालित होता है।
गोरतलब है कि, जहां कुछ डॉक्टर कोरोना रोगियों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं, उनका इलाज करने में आनाकानी कर रहे हैं तो ऐसे में यह रोबोट हकीकत में काविड़-19 से पीड़ित रोगियों के लिए एक रक्षक बनकर आया है।
-निधि जैन