कोरोना काल में सोने का भंडार

 विश्व वैश्विक महामारी कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति में है। जिसकी वजह से लोगों के कामकाज ठप्प पड़े हैं। प्रवासी मजदूर, किसान व गरीब लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

परंतु ऐसी स्थिति में झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि जिले के भीतरडारी में सोने का भंडार मिला है। भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण के उप महानिदेशक जनार्दन प्रसाद और निदेशक पंकज कुमार सिंह ने राज्य के खान सचिव अबूबकर सिद्दीकी को इस खान में भंडार मिलने की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खान में 250 किलो सोने का भंडार है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में भी 3000 हजार टन सोना मिलेनी खबर आई थी। सोने के भंडार वाली एक और खान मिलने के बाद अब झारखंड सरकार इस खान की नीलामी की तैयारी में जुट गई है। जिसके बाद आशंका है कि, इस खान से राज्य सरकार के खजाने में 120 करोड़ रुपए का मुनाफा हो सकता है। इस सोने की खान में अलग-अलग गुणवत्ता वाले सोने की मात्रा के मिलने का पता चला है। अलग वेराइटी के स्वर्ण अयस्कों से कुल मिलाकर 250 किलो सोना निकलने की संभावना है। यह सोना 200 मीटर की गहराई में मिला है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह पर सोने के भंडार मिलने की पुष्टि हुई है, उस स्थान का नाम समानोम डुंगरी (सोना डुंगरी) है। और अंग्रेजों के शासन के दौरान भी वहां खुदाई हुई थी व सोने का भंडार भी मिला था। ग्राम वन एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के केंद्रीय महासचिव और भितरदाड़ी निवासी चमरू हांसदा ने बताया कि जीएसआइ द्वारा 2014 से 18 के बीच उस जगह की सर्वे-ड्रिलिंग की गयी थी। जिसके बाद वहां सोना मिलने की जानकारी मिली। और इससे पहले भी लावा, कुंदरकोचा, पहाड़डीहा, परासी व सात ओर अन्य स्थानों पर सोने की खान मिलने के संकेत मिल चुके हैं। जिसके बाद से इन जगहों पर खोज कार्य का काम किया जा रहा है। व रांची से लेकर तमाड़ के बीच भी कई जगहों पर सोने की खानों की खोज का काम अरसे से चल रहा है। अर्थात भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कहा गया है कि, झारखंड राज्य अब गोल्ड स्पॉट वाले राज्य के रूप में विकसित हो रहा है।
गौरतलब है कि, मौजूदा वक्त में जब संसार कोविड़-19 जैसे भयानक संकट से जूझ रहा है। तब सोने की खान का मिलना झारखंड सरकार के लिए सकारात्मक खबर है। व इससे झारखंड सरकार को आर्थिक सहायता भी मिलेगी।
-निधि जैन

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