आत्मनिर्भरता जुडा ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी से

 भारत पूरे विश्व में अपनी मेहनत के बल से लोहा मनवा रहा है। जिसे समूचे विश्व में भारत की छवि बढ़ती जा रही है और अब एक बार फिर ऐसा हुआ है। ऑक्‍सफॉर्ड ने अपने हिंदी के शब्‍दों में एक और नया शब्‍द जोड़ दिया है। जो है आत्‍मनिर्भरता।

इस शब्‍द का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 मई 2020 को सार्वजनिक तौर पर उस वक्‍त किया था जब देश वैश्विक कोरोना महामारी की चपेट में था और वो इससे उबरने के लिए एक आर्थिक पैकेज की घोषणा कर रहे थे। हालांकि इसके बाद यह शब्‍द काफी प्रचलित हुआ और चर्चा का विषय बन गया था। पीएम मोदी ने उस वक्‍त देश को हर क्षेत्र में आत्‍मनिर्भरता बनाने का जो जिक्र किया था वो भविष्‍य के लिए भारत को एक मजबूत आधार देने की कल्‍पना थी, जो अब साकार होती हुई दिखाई दे रही है। जब पीएम मोदी ने इसका पहली बार जिक्र किया था तो तब उस वक्त उन्‍होंने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का एलान किया था, जो देश के जीडीपी का करीब दस फीसद था। प्रधानमंत्री ने आत्‍मनिर्भरता भारत के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के उत्‍थान के लिए 16 घोषणाएं की थीं। जिनमें किसानों की आय को दोगुना करने की भी घोषणाएं शामिल थीं। लगभग एक वर्ष पहले जनवरी 2020 में ऑक्‍सफॉर्ड की डिक्‍शनरी के नए संस्कारण में 26 भारतीय हिंदी शब्दों को भी जगह दी गई थी। जिनमें शादी, हड़ताल, आधार, चावल और डब्बा जैसे शब्द शामिल थे। इसके अलावा इसी श्रेणी में चैटबॉट और फेक न्यूज को भी ऑक्‍सफॉर्ड ने अपनी डिक्‍शनरी में शामिल किया गया था। जिनमें से 22 शब्‍दों को इसके प्रिंट एडिशन में जबकि अन्‍य चार को इसके डिजिटल एडिशन में शामिल किया गया था। यह वह शब्‍द थे जिनका उपयोग आम भारतीय लोग अपनी बोलचाल में करते हैं।
वहीं इन शब्‍दों को मिलाकर इस डिक्‍शनरी के दसवें संस्करण में 384 शब्‍द ऐसे शामिल हो चुके थे जो भारत में आम बोलचाल के लिए प्रयोग किए जाते हैं। भारतीय शब्‍द आत्‍मनिर्भरता का इसमें शामिल होने के बाद भारतीय शब्‍दों को महत्‍व दिया जाना स्‍वाभाविक है।इस शब्‍द का चयन इसके एडवाइजरी पैनल में शामिल लैंग्‍वेज एक्‍सपर्ट कृतिका अग्रवाल, पूनम निगम सहाय और इमोगन फोक्‍सेल ने किया है। ऑक्‍सफॉर्ड दुनिया भर में बोली जाने वाली कुछ खास भाषाओं में आए बोलचाल और नए शब्‍दों के प्रचलन पर खास निगाह रखी जाती है। इसके बाद ही इन शब्‍दों को ऑक्‍सफॉर्ड अपने नए एडिशन में शामिल करता है।
गौरतलब है कि ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी पूरी दुनिया में विख्‍यात है और पूरी दुनिया के लोग इसका इस्‍तेमाल नए शब्‍दों का अर्थ जानने के लिए करते हैं। इसका इतिहास करीब 78 वर्ष पुराना है। वर्ष 1942 में, पहली बार इसे जापान में प्रकाशित किया गया था। कुल मिलाकर एक बात यह है कि ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भारतीय शब्दों को महत्व मिलना भारत के लिए गौरवान्वित हैं।
-निधि जैन

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