विकल्प और भी हैं
वाट्सऐप पिछले कुछ दिनों से अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी के चलते आलोचनाओं में घिरा हुआ है। देश के कई राष्ट्रीय अखबारों में वाट्सऐप ने पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित करवाया और इसमें यूजर्स का डेटा शेयर करने के आरोपों पर सफाई दी है।
इन विज्ञापनों में लिखा गया है कि वाट्सऐप लोगों की प्राइवेसी का सम्मान और उसकी सुरक्षा करता है व प्राइवेसी का आदर करना वाट्सऐप के डीएनए में है एंव अगर कोई किसी दूसरे यूजर के साथ अपनी लोकेशन को शेयर करते हैं, तो वाट्सऐप और फेसबुक इस जानकारी को नहीं देखता हैं। वहीं वाट्सऐप किसी की भी कॉन्टैक्ट लिस्ट को शेयर नहीं करता है और किसी ग्रुप में लोगों द्वारा की गई चैट्स पहले की तरह ही प्राइवेट हैं। हालांकि यहां वाट्सऐप ने यह स्वीकार किया है कि बिजनेस के लिए किए गए मैसेज को वो फेसबुक के साथ शेयर करेगा। जिसका मतलब यह है कि समूचे विश्व के लोग जो वाट्सऐप का उपयोग करते है उनके बिजनेस से संबंधित और लेन-देन की जानकारी वाट्सऐप के पास होंगी।बहरहाल विज्ञापनों में बार-बार लोगों के फोन की प्राइवेसी का सम्मान करने की बात की गई लेकिन यह नहीं बताया गया है कि वाट्सऐप सिर्फ यूज़र्स के फोटो और कॉन्टैक्ट लिस्ट को ही प्राइवेसी मानता है। इसके अलावा अगर किसी ने बिजनेस यूजर के साथ चैट की या वाट्सऐप पर कोई शॉपिंग की तो उस स्थिति में वो हमसे मिली जानकारी को प्राइवेसी का हिस्सा नहीं मानता है। हम कितनी देर मोबाइल फोन का प्रयोग करते हैं और किस लोकेशन पर इस्तेमाल करते हैं। वाट्सऐप के लिए यह भी हमारी प्राइवेसी का हिस्सा नहीं है। भारत में लगभग 40 करोड़ लोग वाट्सऐप की फ्री सर्विसेज का इस्तेमाल करते हैं लेकिन अब उसके डाउनलोड्स में कमी आई है। अब लोग वाट्सऐप जैसी सर्विसेज देने वाले दूसरे इंस्टैंट मेसेजिंग एप्स जैसे टेलीग्राम और सिग्नल को यूजर्स पसंद कर रहे हैं।
बीते दिनों में ढाई करोड़ से ज्यादा नए यूजर्स ने टेलीग्राम ऐप को डाउनलोड किया है। वहीं इस समय दुनिया भर में पचास करोड़ लोग टेलीग्राम इस्तेमाल करते हैं। हालांकि एक और मेसेजिंग ऐप है सिग्नल, जिसे जनवरी के दूसरे हफ्ते में लगभग 75 लाख यूजर्स ने अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड किया है और अब दुनिया भर में इस ऐप के एक करोड़ यूजर्स हैं, जो पहले 25 लाख से भी कम थे।
गौरतलब है अगर लोगों लगता है कि कोई ऐप उनके फोन की प्राइवेसी से खिलवाड़ करता है तो लोगों को एक मिनट भी नहीं लगता उस ऐप को ड़िलीट करने में क्योंकि लोगों के पास सुविधाएं कम नहीं हैं।
-निधि जैन