संसार में असंभव कुछ भी नहीं है

 विश्व में असंभव कुछ भी नहीं है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा, कि ऐसे भी दिन देखने को मिलेंगे, जब लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे। आसमान की ऊंचाइयों को नापने का सपना ऐसा टूटेगा कि लोग अपनों से भी नहीं मिल पाएंगे। घर लौटने की राह देखते-देखते घरों में ही बंद हो जाएंगे। घर से बाहर निकलना यानी मौत को आमंत्रण देना हो जाएगा।

वातावरण शुद्ध हो जाएगा, लेकिन चैन की सांस नहीं ले पाएंगे। इस वक्त जब विश्व अपनी पूरी ताकत झोंक कर कोरोना महामारी को हराने में लगा है। तभी कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंच रही है। लोगों के कारोबार चौपट हो गए हैं। लोगों की नौकरी भी उनसे छिन रही है। बेरोजगारी का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। यह वायरस ना सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में तांडव मचा रहा है। कोरोना संकट ने मानवता के समक्ष रोजी-रोटी की बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। जिससे हर कोई निपटने में लड़खड़ाता दिख रहा है। लॉकडाउन के बीच जिसे सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है वो है, प्रवासी मजदूर, किसान व गरीब लोग। वह पैदल ही घर जाने को मजबूर है।
अर्थात सरकार अपनी तरफ से पूरे प्रयास कर ही रही है लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए। एंव कई सोसाइटीओ के लोग, मंदिर प्रबंधन, बॉलीवुड स्टार्स इत्यादि भी गरीब, किसान व मजदूरों को फ्री में भोजन करवा रहे हैं, सैनीटाइजर, मास्क व जरूरत के सामान उपलब्ध करवा रहे हैं तथा उनको उनके घर तक पहुंचा रहे हैं। इस दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं है, हम वो सब कर सकते हैं, जो हम सोच सकते हैं। अर्थात हम हर किसी की सहायता नहीं कर सकते, परंतु जो आपके सामने है आप उसकी सहायता जरूर कर सकते हैं।
-निधि जैन

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