अहमदिया मुसलमान हैं?
ये सिर्फ एक साल की ही कहानी नहीं है बल्कि पाकिस्तान का ये एक इतिहास है और काफी लंबा इतिहास है। अहमदिया या कादियानी न ही अपने आप को सीधे या परोक्ष रूप से मुसलमान कह सकते हैं और न ही अपने धर्म को इस्लाम कह सकते हैं।
आलम तो यह है कि पाकिस्तान का संविधान अहमदिया लोगों को मुसलमान नहीं मानता हैं। 19वीं शताब्दी में ब्रितानी शासन काल में उत्तरी भारत में शुरू हुआ अहमदिया आंदोलन अपने आप को इस्लामी विचारधारा का अभियान मानता है और क़ुरान के आदेश का पालन करता है। हालाँकि, रूढ़िवादी मुसलमान इसे विधर्मी मानते हैं, क्योंकि अहमदिया लोग पैगंबर मोहम्मद को इस्लाम का अंतिम पैगंबर नहीं मानते। रूढ़िवादी मुसलमानों का मानना है कि मोहम्मद इंसानों को राह दिखाने वाले आख़िरी पैगंबर थे और ऐसा ही क़ुरान में भी वर्णित है।पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमान हमलों का शिकार होते रहे हैं व साल 2010 में हुए एक हमले में 93 लोग मारे गए थे एंव 26 नवंबर को जारी ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ जुलाई 2020 के बाद से पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में पाँच लोग मारे जा चुके हैं।रिपोर्ट में कहा गया है, पाकिस्तानी प्रशासन लंबे समय से अहमदिया समुदाय पर ऐसे हमलों को नज़रअंदाज़ और कई बार प्रेरित करता रहा है। पाकिस्तान के क़ानून के तहत अहमदिया लोगों की धार्मिक आज़ादी सुरक्षित नहीं है। बेशक़ ही उनके इरादे दुर्भावनापर्ण हैं और वो कमज़ोर अहमदिया समुदाय की आवाज़ दबाना चाहते हैं। जो अवश्य ही निंदनीय है। अमेरिका में अहमदिया समुदाय के 20 से 25 हज़ार लोग रहे हैं, जबकि पाकिस्तान में उनकी आबादी 40 लाख तक है। पाकिस्तान के पहले नोबेल विजेता अब्दुस्सलाम अहमदिया समुदाय से थे। बहरहाल पाकिस्तान ने बीते कुछ महीनों में ऑनलाइन कंटेंट पर सख़्त रुख़ अख़्तियार किया है और कई क़दम उठाए हैं। वहीं पिछले साल पाकिस्तान ने ग़ैर क़ानूनी ऑनलाइन कंटेंट को हटाने और ब्लॉक करने से जुड़े नियम प्रकाशित किए थे। ये नियम पाकिस्तान के प्रिवेंशन ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम एक्ट 2016 की धारा 37 को लागू करने के लिए दिशानिर्देशों की तरह काम करने के मक़सद से लागू किए थे। नियमों के तहत पाकिस्तानी में प्रशासन इस्लाम की महिमा, पाकिस्तान की एकता और अखंडता की सुरक्षा, क़ानून व्यवस्था और नैतिकता और शालीनता के नाम पर ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक कर सकता है। इससे नागरिकों की निजता का अधिकार कमज़ोर होता है और सरकार के पास लोगों पर नज़र रखने की शक्तियाँ और मज़बूत होती हैं। सरकार के पास पहले से ही वेब मॉनिटरिंग सिस्टम है, जो देश में इंटरनेट की निगरानी करता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान अब आने वाले समय में ओर क्या-क्या करेगा यह तो समय आने पर ही पता चलेगा।
-निधि जैन