A+ कैटेगरी का गैंगस्टर, हुलिया बदलने में माहिर है मूसेवाला मर्डर केस का मास्टरमाइंड

गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई, सचिन (मनकीरत औलख का मैनेजर), जम्मू भगवानपुरिया, अमित काजला, सोनू काजल और बिट्टू, सतेंदर काला और अजय गिल। ये उन लोगों के ही नाम है जिन्होंने, पंजाब के निवासी व गायक सिद्धू मूसेवाला के हत्यारों की मदद की है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की गिरफ्त में मौजूद बदमाश शाहरुख ने पूछताछ में बड़ा दावा किया है। उसने स्पेशल सेल को बताया कि सिद्धू मूसेवाला को मारने का काम (सुपारी) गैंगस्टर गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से उसे दी गई थी। बहरहाल उन्होंने पहले भी सिद्धू को मारने की कोशिश की थी लेकिन तब सुरक्षाकर्मियों और सख्त सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर उनका प्लान पूरा नहीं हो पाया था।

गौरतलब है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मुसेवाला की हत्या का मास्टरमाइंड गोल्डी बरार कैसा दिखता है? उसका असली नाम आखिर है क्या? तथा कनाडा में बैठकर पंजाब में सिद्धू मूसेवाला की हत्या को अंजाम देने वाला शख्स क्या काम करता है, कैसे अपने काम को अंजाम देता है? ये जानकारी शायद ही किसी को होंगी लेकिन पंजाब पुलिस ने गोल्डी से जुड़े सभी दस्तावेज तैयार कर लिए है। जिसमें गोल्डी बरार के बारे में सभी जानकारी हैं।
सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार 1994 में पैदा हुआ और बीऐ की डिग्री हासिल कर चुका है। गोल्डी की 5 अलग-अलग तस्वीरें पंजाब पुलिस के दस्तावेज में है। जिन तस्वीरें में साफ देखा जा सकता है कि वक्त के साथ गोल्डी बरार अपना हुलिया बदलता रहता है।

बरार, A+ कैटेगरी का गैंगस्टर है और कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ है। इसी के साथ गोल्डी के करीबी 12 सहयोगियों का भी पूरा खुलासा हुआ है जो अपराधिक गतिविधियों में उसका साथ देते हैं। जिसमें सबसे पहलें नंबर पर, बरार के खास सहयोगी पंजाब निवासी कुख्यात गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई का नाम है।
दूसरे नंबर पर, राजस्थान के गैंगस्टर संपत नेहरा का नाम है। नेहरा वहीं शख्स है जिसने साल 2018 में मुबई जाकर सलमान खान के घर की रेकी की थी।
गोल्डी बरार पर हत्या, हत्या की कोशिश, रंगदारी जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। जिसमें, पंजाब में कुल 16 अपराधिक मामले दर्ज हैं जबकि 4 मामले ऐसे हैं जिनमें वो बरी हो चुका है। कनाडा भागने से पहले गोल्डी की पंजाब के फिरोजपुर और श्री मुक्तसर साहिब में क्रिमिनल एक्टिविटी ज्यादा हुआ करती थी लेकिन लॉरेंस के जेल जाने के बाद अब गैंग की कमान कनाडा में बैठकर सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार खुद संभालते है। जेल में बैठा लॉरेंस, जेल से बस इशारा करता है जो कनाडा में बैठे गोल्डी तक पहुंचती है।
उसके बाद गोल्डी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और हिमाचल में बैठे शूटर से कॉन्टेक्ट करता है, उनको तैयार करता है, उसके बाद उनको टास्क देता है और वारदातों को अंजाम दिलवाता है।
गौरतलब है कि न जाने ये खेल कब से चल रहा है, जिसने कई लोगों की जिंदगी खतरे में ड़ाली है और कई से तो उनकी जिंदगी भी छीन ली। अपराध चाहें छोटा हो या बड़ा, अपराध ही होता है और इस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को जल्द से जल्द सख्त कदम उठाने चाहिए।
-निधि जैन

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