एक और आपदा
अगर कोरोना वायरस की तीसरी लहर आती है तो वह सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी यह तो सभी जगह कहा जा रहा हैं लेकिन अभी से कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले बच्चों में दो से छह सप्ताह में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंटरी सिंड्रोम यानी एमआईएस के मामले देखे जा रहे हैं। इसमें बच्चों को बुखार आना, शरीर पर लाल चकते बनना, आंखें आना, सांस फूलना यानी जकड़न, उल्टी, डायरिया, थकान के लक्षण भी हो रहें हैं। हालांकि ये एक आपातकालीन स्थिति है और समय रहते उपचार शुरू हो जाए तो इससे ठीक हुआ जा सकता हैं। इसके लक्षण तो कोरोना से मिलते-जुलते हैं लेकिन कोरोना में जहां संक्रमण फेफड़ों में होता है एमआईएस में ऐसा लगता है कि बीमारी शरीर के एक सिस्टम में नहीं बल्कि सब जगह है, इसलिए इसे मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेंट्ररी सिंड्रोम कहा जाता है। गौरतलब है कि अब तक तो बच्चों में कोरोना संक्रमण कम हो रहा है और ज्यादातर मामलों में कोई लक्षण प्रकट भी नहीं हो रहें हैं पर वायरस के व्यवहार में कोई बदलाव हो गया व महामारी की प्रवृत्ति बदल जाए तो स्थिति बदल भी सकती है। ऐसे समय में हमें नए तरीके से इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होना होगा और सावधानी बरतनी होगी वरना स्थिति बद से बदतर भी हो सकती है।
-निधि जैन