आखिर कब रूकेगी कालाबाजारी

कोविड़-19 महामारी की दूसरी लहर से शायद ही इस बार कोई अछूत रहा होगा। देखते ही देखते संक्रमण दर बढ़ती ही जारी हैं। शमशान घाट में चीता को आग के हवाले करने में घंटो का इंतजार करना पड़ रहा है। अपने इंसानियत भूलकर अपनों को नंदी में फेक रहें हैं। वहीं इन सबके बीच कई ऐसे लोग भी है, जो स्वयं के मुनाफे के लिए लोगों का फायदा उठा रहें हैं। दिल्ली एनसीआर सहित कई राज्यों में बड़े पैमाने पर अब भी मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी जारी है। कालाबाजारी करने वाले लोग इंटरनेट मीडिया पर लोगों की तलाश करके मुंहमांगे दाम पर ऐसे उपकरणों को बेच रहे हैं। हालांकि पुलिस ने कालाबाजारी करने वाले सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार भी किया हैं परन्तु उसके बाद भी इस काम पर रोक नहीं लग पा रही है। कालाबाजारी में इन सामानों के रेट सुनकर अच्छे अच्छों के होश उड़ जाते हैं। आरोपितों के कई मेडिकल सर्जिकल दुकानों पर संबंध होते हैं व यह लोग वहां से सस्ते दामों में मेडिकल उपकरण खरीदते हैं और महंगे दामों में इनकी बिक्री जरूरतमंद लोगों को करते हैं एंव यह लोग वाट्सएप व सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को तलाशते हैं और उन्हें महंगे दामों में यह उपकरण उपलब्ध कराते हैं। पूर्व में आरोपित बड़ी संख्या में जरूरतमंदों को महंगे दामों में उपकरण बेचकर मोटा मुनाफा कमा चुके हैं। आरोपित आक्सीजन कंसंट्रेटर व पल्स आक्सीमीटर के साथ-साथ आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन फ्लो मीटर समेत अन्य उपकरण की भी कालाबाजारी करते हैं। गौरतलब है कि पुलिस तो आरोपितों के खिलाफ कालाबाजारी समेत महामारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है लेकिन फिर भी क्यों ये कालाबाजारी नहीं रूक रहीं।

निधि जैन, लोनी (गाजियाबाद)

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