जांबाज महिला कांस्टेबल

तुम्हारे बाप की गुलामी के लिए नहीं पहनी है, यह पुलिस की वर्दी। सबके लिए मिशाल बनी सूरत पुलिस की जांबाज कांस्टेबल सुनीता यादव। सुनीता शुक्रवार रात वराछा क्षेत्र में ड्यूटी कर रही थीं। इसी दौरान उन्होंने एक कार को रुकवाया। जिसमें 5 युवक सवार थे।
कॉन्स्टेबल के मुताबिक, यह लोग कर्फ्यू में घूम रहे थे और मास्क भी नहीं लगा रखा था। मौके पर ड्यूटी कर रही महिला कांस्टेबल ने उन पांच लोगों को जमकर फटकार लगाई। जिसके बाद उन युवकों ने स्वास्थ्य मंत्री के बेटे प्रकाश कानाणी को फोन करके बुलाया। जिसके बाद प्रकाश और सुनीता के बीच बड़ी बहस शुरू हो गई। फिर सुनीता ने कार पर एमएलए लिखी प्लेट भी उतरवाली और वहीं से मंत्री को भी फोन लगवाया। पहले तो मंत्री के बेटे प्रकाश ने सुनीता को 365 दिन सड़क पर खड़े रहने की ड्यूटी लगवा देने की धमकी भी दी। जिस पर सुनीता ओर भड़क गईं और बोलीं पुलिस की यह वर्दी तुम्हारे बाप की गुलामी करने के लिए नहीं पहनी है, औकात हो तो करवा देना मेरा ट्रांसफर।
महिला कांस्टेबल इतने पर भी नहीं रुकी और आगे कहा तुम्हारे जैसे कितने नेता रोज आते हैं व रोज चले जाते हैं एंव सत्ता की ताकत मुझे मत बताओ। हमारे साहब के ऊपर नेताओं का हाथ है, इसलिए मुझे चुप होना पड़ रहा है। नहीं तुम सबका मैं हिसाब कर देती। वर्दी को धमकाने का तुम लोगों को कोई हक नहीं है। ऑनड्यूटी पुलिसकर्मी पर दबाव मत बनाओ। गुजरात पुलिस ने मुझे पावर दिया है, कि तुम्हारे जैसे लोगों को मैं सीधा कर सकूं। डीजीपी नहीं, प्रधानमंत्री तक पहुंचने की औकात है मेरी भी। थोड़ी सी पावर और होती तो तुम्हारी हड्डी तोड़ देती। तथा सुनीता ने मंत्री के लड़के पर यह भी आरोप लगाया है, कि क्यो वह लोग विधायक की गाड़ी लेकर घूम रहे थे? जबकि गाड़ी में तो विधायक है ही नहीं। बेटे को पुलिस के पकड़े जाने के बाद मंत्री कुमार कानाणी ने फोन किया। जिस के बाद मंत्री और कॉन्स्टेबल के बीच करीब दो घंटे तक बहस हुई। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उस वीडियो में गाली-गलौच और कहासुनी सुनाई दे रही है। आखिरकार, आखिर में प्रकाश को सुनीता को बहन बोलकर बैकफुट पर आना ही पड़ा।
प्रकाश ने कहा मैं दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मंत्री ने तो महिला कांस्टेबल पर ही पलट वार करके अपने बेटे के बजाव में कहा कि महिला ने उनके बेटे के साथ बदतमीजी की थी। जिस पर अब पुलिस पूरे मामले की जांच करेगी। व मंत्री कुमार का यह भी कहना है कि रात को उनका बेटा किसी बीमार रिश्तेदार की मदद करने के लिए गया था। व इस घटनाक्रम के तुरंत बाद ही कॉन्स्टेबल सुनीता ने वरिष्ठ अफसरों के सामने अपना इस्तीफा की पेशकश की और घर लौट गईं।
हालांकि, इस्तीफे को मंजूर नहीं किया गया। लेकिन सुनीता का पुलिस मुख्यालय ट्रांसफर जरूर कर दिया गया है। कमिश्नर आरबी ब्रह्मभट्ट ने डिविजन के एसीपी सीके पटेल को मामले की जांच का आदेश भी दिये है। परन्तु एक सच्ची महिला कांस्टेबल को अपनी ड्यूटी निभाना महंगा तो पड़े गा ही, क्योंकि उसने मंत्री के बेटे से सवाल पूछने की गुस्ताखी की है। जाहिर है, उस पर आरोप तो लगाए ही जाएंगे।
बहरहाल, केस जब गुजरात के स्वास्थ्य राज्यमंत्री कुमार कानानी से जुड़ गया है तो जांच होनी तो आवश्यक है ही। और वैसे भी जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होना जरूरी है।
-निधि जैन

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