2020 ने बहुत कुछ सिखाया
बेशक कई लोगों के लिए साल 2020 बेकार रहा हैं, लोग बीते वर्ष को भूल जाना चाहते होंगे, कुछ लोगों का तो मानना हैं कि अगर उनका बस चले तो वह इस साल को अपने जीवन से डिलीट ही कर दें लेकिन वर्ष 2020 भूलने का नहीं, बल्कि याद रखने का साल है क्योंकि यह साल एक सख्त टीचर की तरह समूचे विश्व के लोगों के लिए रहा।
2020 से अवश्य ही लोग त्रस्त रहें परन्तु अगर गौर किया जाए तो हमें यह समक्ष आएगा कि इस वर्ष ने हमें ज्यादा बेहतर तरीके से 2021 में जाने लिए तैयार किया है, 2020 ने हमें सबसे बड़ी सीख यह दी है कि बदलाव के लिए हमेशा हमें तैयार रहना चाहिए। भविष्य और अतीत की ज़रूरत से ज़्यादा अंदाज़ा लगाने की बजाय वर्तमान के पहलुओं को जीना चाहिए। हमेशा जिंदगी में ज़्यादा और बेहतर का प्रयास करना चाहिए यानी अपने स्वास्थ्य से लेकर अपने रिश्तों, रोज़गार और अपनी लाइफस्टाइल को पहले से ज़्यादा बेहतर और पहले से ज़्यादा मज़बूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
2020 ने लोगों के जीवन की गति पर ब्रेक लगाया इसलिए आने वाले वर्ष में दोगुनी ताकत लगानी होगी और अपनी क्षमताओं को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना होगा और अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाना होगा। पूर्ण वर्ष हमारे जीवन में एक शिक्षक की तरह रहा, जो हमें जाते जाते जीवन के बारे में एक नया नज़रिया दे गया व कई बड़ी बातें भी सिखाई कि आने वाला भविष्य स्वस्थ लोगों का है, इम्यूनिटी सबसे बड़ा पासपोर्ट है, शारीरिक मज़बूती सभी संकटों को पार करने की सबसे बड़ी कुंजी है, घर और परिवार ही सबसे बड़ा सहारा है, इस महामारी के दौरान जब लोगों के साथ कोई नहीं खड़ा था तब भी उनका परिवार उनके साथ था यानी स्वास्थ्य अगर सफलता की नई कुंजी है तो परिवार उनकी सबसे बड़ी पूंजी है एंव इस साल ने सबसे महत्वपूर्ण बात यह सिखाई कि चाहे हालात जैसे भी हों हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि हमारा रोज़गार बना रहे क्योंकि, अगर हमारे पास रोज़गार है तो हम किसी भी संकटों का सामना और मुकाबले बेहतर तरीके से कर सकते हैं और सबसे जरूरी बात यह है कि इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है इसलिए हमें बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए क्योंकि कभी भी कुछ भी बदल सकता है, हो सकता हैं। कुल मिलाकर एक बात यह है कि हमें 2020 से घृणा नहीं करनी चाहिए बल्कि इसे एक गुरु समझकर इसे धन्यवाद देना चाहिए और इस गुरु से सीख लेकर यह तय करना होगा कि 2021 में हमें कैसा जीवन जीना है और वर्ष बदलने के साथ खुद को कैसे बदलना है न कि दूसरों को कोसना चाहिए।
बहरहाल नया साल आरम्भ हो गया है व इस बार नए साल में प्रवेश की उत्सुकता शायद इसलिए भी ज़्यादा थी क्योंकि, बहुत से लोगों के लिए वर्ष 2020 उनकी उम्मीदों पर ख़रा नहीं उतरा और शुरुआत से ही यह साल अपने साथ चुनौतियां और संकट लेकर आया। वर्ष 2020 में चुनौतियों, संकट, ख़बरों और आंदोलन के नाम से याद किया जाएगा व इस वर्ष ने हमारे संयम और धैर्य की परीक्षा ली हैं। साल 2020 में दुनियाभर के देशों में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया। आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लग गया व महामारी और मृत्यु ने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया। बीते साल ने सिर्फ जीवन की ही नहीं, बल्कि मृत्यु की भी प्रथाओं को बदल दिया। 2020 ने साबित कर दिया कि आप चाहे कोई भी योजना बना लें, समय हर योजना को बदलाव की कसौटी पर परखना जानती है।
गत वर्ष जो कुछ हुआ उसने लोगों को यह बता दिया कि जब मुसीबत की घड़ी आती है तो सच्चे और झूठे दोस्तों की पहचान हो जाती है लोगों को अपने ही दोस्तों और रिश्तेंदारों का सच पता लग जाता हैं और बीते वर्ष ने यह ही साबित किया है। इसके अलावा इस साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। बच्चों ने सीखा कि शिक्षा ऑनलाइन भी हासिल की जा सकती है तो वहीं बड़ों ने सीखा कि घर से भी दफ्तर के काम निपटाए जा सकते हैं और बुजुर्गों ने सीखा कि अगर मन में ईश्वर हो तो घर भी मंदिर बन जाता है। एक बात इस साल ने और सिखाई कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। गली मोहल्लों में आने वाले सफाईकर्मियों पर पहले कोई ध्यान तक नहीं देता था, लेकिन गत साल में यही लोग कोरोना वायरस और हमारे बीच दीवार बनकर खड़े रहे व लोगों को इनका महत्व समझ में आया। लोगों ने सही मायनों में स्वच्छता की अहमियत को पहचाना। स्वच्छता इस दौर में हमारी जरूरत बनी और अब यह लोगों की आदत बनने लगी है। जो जरूरी भी हैं। हमने यह भी सीखा कि मृत्यु और महामारियां, अमीर और गरीब में भेद-भाव नहीं करती। इस दौरान दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं की कुर्सियां चली गईं या फिर बड़े बड़े लोगों को इस वायरस का संक्रमण हो गया और अपनी सारी शक्तियों के बावजूद कोई इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर पाया। इस वर्ष ने सही सूचनाओं के महत्व को भी एक बार फिर लोगों के सामने रखा।
गौरतलब है कि 2020 ने हमें अच्छा और बुरा दोनों वक्त का एहसास कराया। जिससे हमें सबक लेना चाहिए और आगे के लिए और सतर्क रहना चाहिए।
-निधि जैन
2020 से अवश्य ही लोग त्रस्त रहें परन्तु अगर गौर किया जाए तो हमें यह समक्ष आएगा कि इस वर्ष ने हमें ज्यादा बेहतर तरीके से 2021 में जाने लिए तैयार किया है, 2020 ने हमें सबसे बड़ी सीख यह दी है कि बदलाव के लिए हमेशा हमें तैयार रहना चाहिए। भविष्य और अतीत की ज़रूरत से ज़्यादा अंदाज़ा लगाने की बजाय वर्तमान के पहलुओं को जीना चाहिए। हमेशा जिंदगी में ज़्यादा और बेहतर का प्रयास करना चाहिए यानी अपने स्वास्थ्य से लेकर अपने रिश्तों, रोज़गार और अपनी लाइफस्टाइल को पहले से ज़्यादा बेहतर और पहले से ज़्यादा मज़बूत बनाने पर ध्यान देना चाहिए।
2020 ने लोगों के जीवन की गति पर ब्रेक लगाया इसलिए आने वाले वर्ष में दोगुनी ताकत लगानी होगी और अपनी क्षमताओं को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना होगा और अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाना होगा। पूर्ण वर्ष हमारे जीवन में एक शिक्षक की तरह रहा, जो हमें जाते जाते जीवन के बारे में एक नया नज़रिया दे गया व कई बड़ी बातें भी सिखाई कि आने वाला भविष्य स्वस्थ लोगों का है, इम्यूनिटी सबसे बड़ा पासपोर्ट है, शारीरिक मज़बूती सभी संकटों को पार करने की सबसे बड़ी कुंजी है, घर और परिवार ही सबसे बड़ा सहारा है, इस महामारी के दौरान जब लोगों के साथ कोई नहीं खड़ा था तब भी उनका परिवार उनके साथ था यानी स्वास्थ्य अगर सफलता की नई कुंजी है तो परिवार उनकी सबसे बड़ी पूंजी है एंव इस साल ने सबसे महत्वपूर्ण बात यह सिखाई कि चाहे हालात जैसे भी हों हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि हमारा रोज़गार बना रहे क्योंकि, अगर हमारे पास रोज़गार है तो हम किसी भी संकटों का सामना और मुकाबले बेहतर तरीके से कर सकते हैं और सबसे जरूरी बात यह है कि इस संसार में कुछ भी स्थायी नहीं है इसलिए हमें बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए क्योंकि कभी भी कुछ भी बदल सकता है, हो सकता हैं। कुल मिलाकर एक बात यह है कि हमें 2020 से घृणा नहीं करनी चाहिए बल्कि इसे एक गुरु समझकर इसे धन्यवाद देना चाहिए और इस गुरु से सीख लेकर यह तय करना होगा कि 2021 में हमें कैसा जीवन जीना है और वर्ष बदलने के साथ खुद को कैसे बदलना है न कि दूसरों को कोसना चाहिए।
बहरहाल नया साल आरम्भ हो गया है व इस बार नए साल में प्रवेश की उत्सुकता शायद इसलिए भी ज़्यादा थी क्योंकि, बहुत से लोगों के लिए वर्ष 2020 उनकी उम्मीदों पर ख़रा नहीं उतरा और शुरुआत से ही यह साल अपने साथ चुनौतियां और संकट लेकर आया। वर्ष 2020 में चुनौतियों, संकट, ख़बरों और आंदोलन के नाम से याद किया जाएगा व इस वर्ष ने हमारे संयम और धैर्य की परीक्षा ली हैं। साल 2020 में दुनियाभर के देशों में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया। आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लग गया व महामारी और मृत्यु ने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया। बीते साल ने सिर्फ जीवन की ही नहीं, बल्कि मृत्यु की भी प्रथाओं को बदल दिया। 2020 ने साबित कर दिया कि आप चाहे कोई भी योजना बना लें, समय हर योजना को बदलाव की कसौटी पर परखना जानती है।
गत वर्ष जो कुछ हुआ उसने लोगों को यह बता दिया कि जब मुसीबत की घड़ी आती है तो सच्चे और झूठे दोस्तों की पहचान हो जाती है लोगों को अपने ही दोस्तों और रिश्तेंदारों का सच पता लग जाता हैं और बीते वर्ष ने यह ही साबित किया है। इसके अलावा इस साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। बच्चों ने सीखा कि शिक्षा ऑनलाइन भी हासिल की जा सकती है तो वहीं बड़ों ने सीखा कि घर से भी दफ्तर के काम निपटाए जा सकते हैं और बुजुर्गों ने सीखा कि अगर मन में ईश्वर हो तो घर भी मंदिर बन जाता है। एक बात इस साल ने और सिखाई कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। गली मोहल्लों में आने वाले सफाईकर्मियों पर पहले कोई ध्यान तक नहीं देता था, लेकिन गत साल में यही लोग कोरोना वायरस और हमारे बीच दीवार बनकर खड़े रहे व लोगों को इनका महत्व समझ में आया। लोगों ने सही मायनों में स्वच्छता की अहमियत को पहचाना। स्वच्छता इस दौर में हमारी जरूरत बनी और अब यह लोगों की आदत बनने लगी है। जो जरूरी भी हैं। हमने यह भी सीखा कि मृत्यु और महामारियां, अमीर और गरीब में भेद-भाव नहीं करती। इस दौरान दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं की कुर्सियां चली गईं या फिर बड़े बड़े लोगों को इस वायरस का संक्रमण हो गया और अपनी सारी शक्तियों के बावजूद कोई इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर पाया। इस वर्ष ने सही सूचनाओं के महत्व को भी एक बार फिर लोगों के सामने रखा।
गौरतलब है कि 2020 ने हमें अच्छा और बुरा दोनों वक्त का एहसास कराया। जिससे हमें सबक लेना चाहिए और आगे के लिए और सतर्क रहना चाहिए।
-निधि जैन