करोड़ों खर्च कर रहें हैं वायरस फ्री देशों पर
-By Nidhi Jain
कोरोना महामारी के दौर में न्यूज़ीलैंड ही एक अकेला ऐसा देश है जहां इस वर्ष नागरिकता की जानकारी लेने के मामलों में 65 फीसदी का उछाल आया है। इस वक्त लोगों में कोराना का खौफ बूरी तरह से बना हुआ है, जिससे लोग किसी भी तरह से बचना चाहते हैं। और अब अमीर लोग इस जानलेवा वायरस से खुद को सुरक्षित करनें के लिए करोड़ों खर्च करके वायरस फ्री न्यूज़ीलैंड देश की नागरिकता हासिल कर रहें हैं क्योंकि न्यूज़ीलैंड जैसे देशों ने बाकी देशों की तुलना में कोविड़-19 महामारी के खिलाफ काफी तेजी से कदम उठाया और उस पर काबू पाने में भी विजय हासिल की है। बीते महीनों करीब 80 हजार से भी अधिक अमेरिकियों ने यहां के पासपोर्ट को हासिल करने के लिए जानकारी मांगी है, जो इसी अवधि में पिछले साल की तुलना में 65 फीसदी अधिक है। व न्यूज़ीलैंड के अलावा कैरेबियाई देशों, माल्टा और ऑस्ट्रेलिया में भी इन अमीर लोगों की रूचि बड़ी है। लेकिन इन देशों में रहने के लिए काफी खर्च करना पड़ता है क्योंकि न्यूज़ीलैंड में रहने के लिए, काम करने और पढ़ाई के लिए कम से कम बीस लाख ड़ॉलर से लेकर एक करोड़ डॉलर तक का खर्च करना पड़ता है। हालांकि खर्च वीज़ा पर भी निर्भर करता है, जैसे एक शादीशुदा जोड़ के लिए माल्टा की नागरिकता हासिल करने के लिए उसे 14 लाख डॉलर खर्च करने होंगे और वही वहां पर रहने के लिए प्रॉपर्टी के लिए अलग से खर्च करना होगा। बहरहाल, इस समय तो नागरिकता दिलाने वाले फ़र्म की चांदी-चांदी हो रही है। तथा दुनिया का सबसे बड़ा फर्म हेनली ऐंड़ पार्टनर्स के बिजनेस में तो मौजूदा वक्त में पैसों की बौछार हो रही है।