पत्रकारिता की हत्या

-By Nidhi Jain 

इस खुदगर्ज़ दुनिया में क्या कंप्लेन करने की, किसी के खिलाफ न्याय की आवाज उठाने की क्या ये ही सजा है, कि उसका बेरहमी से कत्ल किया जाए। हालही में हुई पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत पर भी कई सवाल खड़े हुए थे कि क्या उनहोंने आत्महत्या की है या उनकी भी किसी ने हत्या की है। क्योंकि उन्होंने एम्स प्रशासन की पोल खोने की कोशिश की थी। बहरहाल, अब जब एक ओर पत्रकार ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई तो उनकी भी कई लोगों ने मिलकर जान ले ली।
       कई लोग लंबे समय से पत्रकार विक्रम जोशी की एक रिश्तेदार को परेशान कर रहे थे। उससे छेड़खानी भी करते थे। विक्रम ने जब इसका विरोध किया तो उन लोगों ने विक्रम को ही मार डाला। घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद सच सामने आया। जिसमें दिखाई दे रहा है कि, आरोपितों ने विक्रम जोशी की मोटरसाइकिल को रोका व उनके साथ मारपीट की। एंव उनकी दोनों बेटियों के सामने ही उनके पिता को बेरहमी से गोली मार दी। और वहां से फ़रार हो गए। बेटियों के शोर मचाने के बाद वहां के लोगों ने उन्हें शहर के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उनकी हालत गंभीर होने के कारण बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
        उनकी मौत की खबर सुनते ही अस्पताल में बड़ी संख्या में उनके परिजन व मीडियाकर्मी जुट गए। एंव परिजनों ने आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल में बड़ा हंगामा किया। जिसको देखते हुए अस्पताल में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। व डीएम ने जोशी के परिवार की सहायता करने के लिए उनको दस लाख की आर्थिक मदद, बच्चों की शिक्षा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है।
          गौरतलब है कि, जब पीड़िता ने छेड़खानी के खिलाफ़ चौकी में 16 जुलाई को तहरीर दी थी तो, पुलिस ने इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की और मामलें को रफा-दफा करने की कोशिश की। परंतु अब अखबार पत्रकार की मौत के बाद छेड़छाड़ के मामले में शिकायत मिलने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं करने वाले प्रताप विहार चौकी के इंचार्ज राघवेंद्र सिंह को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है। तथा पत्रकार की मौत के बाद मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित समेत नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त अवैध असलहा भी बरामद किये है। और सीओ सिटी प्रथम राकेश मिश्रा को विभागीय जांच सौंपी है। घटना के दो घंटे बाद ही पुलिस ने मुख्य आरोपित विजयनगर माता कॉलोनी निवासी रवि को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन इस मामले का एक अपराधी आकाश बिहारी अभी भी फरार है।
             उत्तर प्रदेश पुलिस ने 10 आरोपितों के नाम जाहिर किए थे, जिनमें से 3 को गिरफ्तार कर लिया गया हैै, जबकि 6 हिरासत में है। वहीं, मुख्य आरोपित फरार है। आरोपित को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की छह टीमों का गठन किया गया था। बहरहाल, सहायता राशि देने से अपराध कम नहीं होगा। अपराधियों को उनके गुनाह की जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए ताकि नागरिकों को उनकी सुरक्षा मिल सके। 

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