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आखिर क्यों मर रही है माता गाय?

-निधि जैन  प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में गाय को माता का स्थान दिया गया है। जिनकी सेवा करना बहुत शुभ माना जाता है। गौरतलब है कि इन दिनों भारत में लंपी नामक बीमारी जानवरों में बहुत तेजी से फैल रही है। जिससे सबसे अधिक गायों की प्रजाती प्रभावित हो रही हैं। अभी तक इस बीमारी से हजारों गायों की मौत हो चुकी है, मगर इसके बावजूद भी गायों की रक्षा के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए है जिस कारण गायों के मरने का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। लंपी वायरस का प्रकोप देश के राज्य राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों में पाया गया है। इस बीमारी को पशु चेचक भी कहते हैं, यह एक वायरल बीमारी है जो कैपरी पाक्स वायरस से फैलती है। कैपरी पाक्स वायरस से बकरियों में गोट पाक्स नाम की बीमारी फैलती है और भेड़ों में सीप पाक्स तथा गायों में लंपी स्किन डिजीज नाम की बीमारी फैलती है। उल्लेखनीय है कि जिस देश में दिन-रात गाय, गोबर, गोमूत्र और गौ हत्या को लेकर बहस होती है, उस देश में अब गाय के बचाव के लिए सख्त नियम कानून नहीं बनाए जा रहें है। वर्तमान में केंद्र सत्ता में भाजपा है, जो अपने आप को हिंदूवादी बताती है। ऐस...

जानिए कब और कैसे शुरू हुआ ज्ञानवापी मामला, कब होगी अगली सुनवाई

-निधि जैन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का मामला लंबे समय से कोर्ट में चल रहा है। जिसमें कल यानी 12 सितंबर को अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि इस फैसले में साल 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। बता दें कि जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने ये फैसला दिया है। उन्होंने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन-दर्शन की अनुमति की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लायक माना है और मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। जिसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। इस मामले में नहीं लागू होगा वर्शिप एक्ट हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि इस फैसले में साल 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है। गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत कोई फैसला लेने की मनाही है। वर्ष 1991 का ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस रूप में था, वो उसी रूप में रहेगा। हालांकि, अयोध्या के मामले को इससे अलग रखा गया था। बहरहाल...

कोरोना से भी बड़ा खतरा है मेंटल हेल्थ, क्या कहती है डब्लूएचओ की रिपोर्ट ?

-निधि जैन  दुनिया में बढ़ती मानसिक बीमारियों को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्लूएचओ) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें उन्होंने कई चौकाने वाले खुलासे किए है। बता दें कि इस बीमारी को सबसे तेज फैलने वाली बीमारी की श्रेणी में रखा गया है, दिन प्रतिदिन यह बीमारी युवाओं से लेकर बड़ों तक में देखी जा रही है और इसका असर लोगों की जिंदगी और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है। एंग्जाइटी और डिप्रैशन, कॉमन मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियां हैं जो आने वाली पीढी में तेजी से फैल रही है। किन देशों में तेजी से फैल रही है ये बीमारी गौरतलब है कि मेंटल हेल्थ की बीमारी उन देशों में ज्यादा देखी जा रही है जहां लोगों की कमाई न्यूनतम है या थोड़ी कम है लेकिन डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में मेंटल हेल्थ से जुड़े केस हाई इनकम वाले देशों में ज्यादा रिपोर्ट किए गए हैं। जिसकी वजह है कि विकसित देशों में अन्य देशों के मुकाबले इस बीमारी को लेकर ज्यादा जागरुकता होना। बता दें कि बढ़ती मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियां, देश की इकॉनमी पर भी बुरा असर डाल रही है। वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम कि रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक मानसिक...